बंगाल विस चुनाव: तीसरे चरण के मतदान के दौरान हिंसा, उम्मीदवारों पर हमला
By भाषा | Updated: April 6, 2021 21:08 IST2021-04-06T21:08:57+5:302021-04-06T21:08:57+5:30

बंगाल विस चुनाव: तीसरे चरण के मतदान के दौरान हिंसा, उम्मीदवारों पर हमला
कोलकाता, छह अप्रैल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को तीसरे चरण के मतदान के दौरान दो महिलाओं सहित पांच उम्मीदवारों पर हमला हुआ और कई स्थानों पर प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूह के बीच झड़प भी हुई।
हिंसा के बावजूद मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया और मतदान खत्म होने से दो घंटे पहले शाम पांच बजे तक 77.68 प्रतिशत मतदान हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि मतदान के दौरान कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि शाम पांच बजे तक प्रदेश के दक्षिण 24 परगना जिले (भाग दो) की 16 सीटों पर 76.68 प्रतिशत, हावड़ा (भाग एक) की सात सीटों पर 77.93 प्रतिशत और हुगली (भाग एक) की आठ सीटों पर 79.36 प्रतिशत मतदान हुअ।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ 31 सीटों पर शाम पांच बजे तक 77.68 प्रतिशत मतदान हुआ।’’
प्रदेश की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने ‘‘मतदाताओं को प्रभावित’’ करने के लिये केंद्रीय बलों का ‘‘जबरदस्त दुरूपयोग’’ किये जाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हमारी ओर से मुद्दे को लगातार उठाये जाने के बावजूद यहां केंद्रीय बलों का जबरदस्त दुरूपयोग जारी है और निर्वाचन आयोग मूक दर्शक बना हुआ है। कई स्थानों पर इन बलों का दुरूपयोग तृणमूल कांग्रेस के मतदाताओं को भयभीत करने एवं अन्य लोगों को एक पार्टी के पक्ष में प्रभावित करने के लिये किया जा रहा है।’’
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सौमित्र खान की अलग रह रही पत्नी एवं तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार सुजाता मंडल खान पर आरामबाग में हमला करने के मामले में पुलिस ने तृणमूल के तीन और भाजपा के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
टीवी की तस्वीरों में यह दिख रहा है कि तृणमूल नेता का कुछ लोग पीछा कर रहे हैं जिनके हाथों में लाठी एवं लोहे की छड़े हैं और इसके बाद सिर पर लाठी से प्रहार किया जाता है। इस घटना में उनके सुरक्षा अधिकारी भी घायल हुये हैं ।
तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि भाजपा के ‘‘गुंडों’’ ने पार्टी के पोलिंग एजेंटों को मतदान केंद्र के अंदर नहीं जाने दिया और लोगों को मतदान करने से रोकने के लिये उन्हें धमका कर अव्यवस्था का माहौल पैदा किया जा रहा है।
वहीं, भाजपा ने सुजाता पर इलाके में तृणमूल के ‘‘गुंडों’’ के साथ आने और लोगों को धमकाने का आरोप लगाया है।
पुलिस ने यह भी कहा कि उलूबेरिया (दक्षिण) से भाजपा उम्मीदवार पापिया अधिकारी पर हमला करने वालों को वह तलाशने में जुटी हुई है। जब अधिकारी अपने एक घायल पार्टी कार्यकर्ता से मिलने अस्पताल गयी थीं तब उनपर हमला किया गया था।
ये हमले उन झड़पों का हिस्सा है जो बंगाल के कई हिस्सों से सामने आयी है।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि तारकेश्वर से भाजपा प्रत्याशी स्वप्न दासगुप्ता को कथित तौर पर अभद्र शब्द कहे। उसे समय वह मतदान केंद्रों का चक्कर लगा रहे थे।
आरामबाग से प्रत्याशी मंडल ने बताया कि जब वी अरंडी क्षेत्र में मतदान केंद्रों पर गयीं तब भाजपा के लोगों ने उनका पीछा किया एवं उनके सिर पर वार किया।
उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना मिली थी कि मतदाताओं को मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करने दिया जा रहा है।
वहीं फाल्टा में भाजपा उम्मीदवार के वाहन पर हमला किया गया।
प्रदेश के कैनिंग पूरबा विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र के बाहर देसी बम फेंकने की घटना में कम से कम एक व्यक्ति घायल हो गया । तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार शौकत मोल्लाह ने अब्बास सिद्दिकी की अगुवाई वाली भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि पार्टी ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।
तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुये तथा डायमंड हार्बर से भगवा पार्टी के उम्मीदवार दीपक हालदार ने आरोप लगाया कि उनकी पूर्व पार्टी मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर नहीं आने दे रही है।
दक्षिण 24 परगना की कुछ सीटों पर तृणमूल और आईएसएफ के उम्मीदवारों के बीच कुछ इलाकों में झड़प भी हुई। इनमें करीब 12 लोग घायल हुए हैं।
प्रदेश की धनेखली सीट पर राज्य सरकार के मंत्री असीम पात्रा ने भाजपा समर्थकों पर लोगों को मतदान केंद्रों पर आने से रोकने का आरोप लगाया है जिसे भगवा पार्टी ने खारिज कर दिया है।
इस बीच, पुलिस ने बताया कि हुगली जिले में मतदान शुरू होने से पहले एक भाजपा समर्थक के परिवार के एक सदस्य की कथित रूप से हत्या कर दी गयी।
निर्वाचन आयोग ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत सभी विधानसभा क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की और उन्हें ‘संवेदनशील’ घोषित किया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।