जिनपिंग की यात्रा से पहले चीनी मीडिया ने कहा- भारत की आर्थिक प्रगति से एशिया के नाम होगी 21वीं सदी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 11, 2019 08:03 AM2019-10-11T08:03:11+5:302019-10-11T08:03:11+5:30

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत और चीन की आर्थिक प्रगति से ही 21वीं सदी एशिया के नाम होगी।

Before Jinping's visit to india Chinese media says 21st century will be Asia's, india's economic growth play vital role | जिनपिंग की यात्रा से पहले चीनी मीडिया ने कहा- भारत की आर्थिक प्रगति से एशिया के नाम होगी 21वीं सदी

जिनपिंग की यात्रा से पहले चीनी मीडिया ने कहा- भारत की आर्थिक प्रगति से एशिया के नाम होगी 21वीं सदी

Highlightsसमुद्र किनारे बसे प्राचीन शहर मामल्लापुरम में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भव्य स्वागत की तैयारियां हो रही हैं। चीन ने कहा है कि दोनों देश एक दूसरे के लिए किसी तरह का खतरा नहीं हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शुक्रवार को दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भारत आ रहे हैं। उससे पहले चीनी मीडिया भारत और चीन की दोस्ती और संगठन को लेकर आशान्वित है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत और चीन की आर्थिक प्रगति से ही 21वीं सदी एशिया के नाम होगी।

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'एशिया के कई रणनीतिकारों का मानना है कि 19वीं सदी ब्रिटेन की थी। 20वीं सदी अमेरिका की थी। अब 21वीं सदी एशिया की होगी। यह चीन और भारत की आर्थिक प्रगति से ही संभव है।'

चीनी अखबार ने भारत और चीन के बीच होने वाले अनौपचारिक सम्मेलन को बेहद महत्वपूर्ण बताया। अखबार ने लिखा कि उससे दोनों देशों के रिश्तों को नए आयाम मिलेंगे। चीन और भारत ने एक-दूसरे देश के अंदर निवेश को बढ़ाया है।

समुद्र किनारे बसे प्राचीन शहर मामल्लापुरम में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भव्य स्वागत की तैयारियां हो रही हैं। वहीं चीन ने कहा है कि दोनों देश एक दूसरे के लिए किसी तरह का खतरा नहीं हैं तथा दोनों एशियाई देशों के बीच वृहद सहयोग से क्षेत्र में और इससे परे शांति और स्थिरता लाने में सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी। 

चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने पीटीआई को दिये विशेष साक्षात्कार में कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रही दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर दिशानिर्देशक सिद्धांत समेत नयी आम-सहमतियां उभर सकती हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश, चीन और भारत की इस जटिल दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा भरने की जिम्मेदारी है।

अपने भारत दौरे पर चीनी राष्ट्रपति पीएम मोदी को ऐसा उपहार प्रदान करेंगे जो दोनों ही नेताओं की दोस्ती के साथ-साथ दोनों देशों के बीच के मैत्रीपूर्ण संबंधों को दिखाएगा। पिछले कई वर्षों में मोदी और शी कई बार मिल चुके हैं और पिछले साल चीन के शहर वुहान में पहले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में दोनों ने निजी संबंध विकसित किए जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध को सामान्य करने में मदद मिली थी। 

चीन के विदेश मंत्रालय ने मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में बताया कि शी की योजना मोदी को एक ऐसा उपहार देने की है जो उन दोनों और दोनों देशों के बीच की मित्रता को दिखाएगा। भारत के अलावा शी नेपाल के दौरे पर भी जाएंगे। वुहान शिखर सम्मेलन में मोदी ने राष्ट्रपति शी को चीन के प्रसिद्ध कलाकार शु बीहोंग की पेटिंग उपहार में दी थी। बीहोंग चीनी स्याही पेटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने विश्व भारती विश्वविद्यालय में पढ़ाया था और भारत में रहने के दौरान रबींद्रनाथ टैगोर और महात्मा गांधी से मुलाकात की थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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