बार न्यायपालिका की प्रेरित हमलों से करता है रक्षा: प्रधान न्यायाधीश

By भाषा | Updated: July 2, 2021 21:46 IST2021-07-02T21:46:31+5:302021-07-02T21:46:31+5:30

Bar protects judiciary from motivated attacks: CJI | बार न्यायपालिका की प्रेरित हमलों से करता है रक्षा: प्रधान न्यायाधीश

बार न्यायपालिका की प्रेरित हमलों से करता है रक्षा: प्रधान न्यायाधीश

(अदिति सिंह)

नयी दिल्ली, दो जुलाई प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार को इस संस्थान की प्रेरित ‘हमलों’ से ‘रक्षा करने वाला’ बताया एवं कहा कि न्यायाधीशों के योगदान पर गर्व करने/खुशी मनाने की उसकी परंपरा से ही न्यायमूर्ति अशोक भूषण को उनकी सेवानिवृति पर आभार प्रकट किया जा रहा है।

शीर्ष अदालत के छठे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण चार जुलाई को सेवानिवृत हो जाएंगे। वह ऐतिहासिक अयोध्या जमीन विवाद प्रकरण, आधार की वैधता अक्षुण्ण रखने और प्रधान न्यायाधीश को ‘मास्टर ऑफ रोस्टर’ (कामकाज संबंधी निर्णय लेने में प्रमुख) करार देने जैसे कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा डिजिटल तरीके से आयोजित विदाई समारोह में प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ मुझे अवश्य यह कहना चाहिए कि वकील भी दूसरी अहम भूमिका निभाते हैं। बार इस संस्थान का रक्षक है। वकीलों को संस्थान का सम्मान करना चाहिए तथा न्यायपालिका को किसी भी हमले से बचाना चाहिए जो न्यायतंत्र के कामकाज को प्रभावित कर सकते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं जानता हूं कि जब भी प्रेरित हमलों से संस्थान की रक्षा की बात आती है तो सुप्रीम कोर्ट बार हमेशा ही सबसे आगे होता है । उन्होंने न्यायाधीशों के योगदान पर हमेशा गर्व किया है और उनके कठिन परिश्रम की प्रशंसा की है। वे न्यायाधीशों के प्रयासों को कभी बिसारते नहीं। यह कार्यक्रम जो आयोजित किया गया, उसका मुख्य कारण न्यायमूर्ति भूषण के प्रति आभार प्रकट करना है।’’

न्यायमूर्ति भूषण की तारीफ करते हुए न्यायमूर्ति रमण ने कहा, ‘‘ एक महान न्यायाधीश होने के साथ-साथ वह एक अच्छे भद्रपुरुष के तौर पर भी जाने जाते हैं। जिस विनम्रता के साथ वह आचरण करते हैं, उसे लेकर उन्हें बार और पीठ में समान सम्मान प्राप्त है.... यह न्यायमूर्ति भूषण का दर्शन ही है जो उन्हें सभी से अलग बनाता है।’’

न्यायमूर्ति भूषण की सेवानिवृति के बाद अब उच्चतम न्यायालय में 26 न्यायाधीश रह जायेंगे जबकि वहां कुल 34 न्यायाधीश होने चाहिए।

अपनी मां के अंतिम संस्कार के सिलसिले में प्रयागराज गये न्यायमूर्ति भूषण ने शीर्ष अदालत तथा इलाहाबाद एवं केरल उच्च न्यायालयों में न्यायधीश के तौर पर अपने सफल कार्यकाल के लिए सभी को धन्यवाद दिया।

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