भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ भोपाल की एक अदालत ने जमानती वारंट जारी किया है। उनके खिलाफ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में केस दर्ज करवाया था। भोपाल की एक अदालत में गुरूवार को उन्हें पेश होना था, लेकिन संबित पात्रा अनुपस्थित रहें, जिसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रकाश कुमार ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया।
एमपी नगर थाने ने भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ चार्जशीट फाइल किया है। बीजेपी के एक अन्य नेता जिनके खिलाफ भी इसी केस में मामला दर्ज था, कोर्ट में पेश हुए जहां उन्हें 5 हजार के निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में पात्रा और अन्य के खिलाफ चुनाव आयोग की शिकायत पर मामला दर्ज किया था।
27 अक्टूबर को संबित पात्रा ने एमपी नगर क्षेत्र में सड़क किनारे एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था। कांग्रेस ने इस मामले में चुनाव आयोग से पात्रा के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में शिकायत दर्ज करवाई थी।
चुनाव आयोग ने एफआईआर में कहा था कि सड़क को बाधित कर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसकी अनुमति नहीं ली गई थी। कांफ्रेंस के व्यवस्थापकों ने दोपहर में 1 बजे से 3 बजे के बीच में आयोजन की इजाजत ली थी, लेकिन इसका आयोजन दोपहर में 12 बजे ही कर दिया गया, जिसके कारण यह मामला सीधे तौर पर आचार संहिता के उल्लंघन का है।
शुरूआती स्तर पर एफआईआर में संबित पात्रा का नाम शामिल नहीं था, लेकिन बाद में रिटर्निंग ऑफिसर की रिपोर्ट के बाद उनके नाम को शामिल कर लिया गया।
अब संबित पात्रा को इस मामले में कोर्ट में पेश होकर (गिरफ्तारी के बिना) जमानत लेना होगा। इस बार पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा सकता है।