आदिवासी बाहुल जनसंख्या वाले मध्य प्रदेश में अब आदिवासी क्षेत्र की शक्ल बदलने की तैयारी है। पिछड़े आदिवासी इलाकों में बीजेपी सरकार बड़े विकास की तैयारी में है। मोहन कैबिनेट के आज भी बैठक में आदिवासी इलाकों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए कई प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई।
सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आदिवासी इलाकों में 194 नए आंगनबाड़ी केंद्र शुरू करने, ग्राम सड़क योजना से मजरे टोले जोड़ने और प्रधानमंत्री आवास योजना की तरह भरिया, बैगा, सहरिया जनजाति के लोगों को आवास उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक में पीएम जनमन योजना में पिछड़ी जनजाति को आवास उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके लिए राज्य सरकार बजट में प्रावधान करेगी।
मोहन कैबिनेट में एमपी के 23 जिलों में जनमन योजना के तहत विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। पिछड़े जनजाति बाहुल इलाकों में सड़कों के निर्माण से लेकर 100 की जनसंख्या वाले गांव में भी पक्की सड़क बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
मोहन सरकार ने क्यों आदिवासी इलाकों पर किया है फोकस जानिए... मध्य प्रदेश में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में 47 आदिवासी सीटों में से 25 पर भाजपा ने कब्जा जमाया।
जबकि 21 पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी।
हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव के पलट बीजेपी को 9 सीटों का फायदा हुआ, लेकिन आदिवासी सीटों पर कांग्रेस भी अपनी मजबूती दिखने में पीछे नहीं रही।
इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का फोकस आदिवासी सीटों पर है। एक तरफ जहां कांग्रेस ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आदिवासी चेहरे उमंघ सिंगार को बनाकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है तो अब बीजेपी ने आदिवासियों में अपनी पैठ को और मजबूत बनाने के लिए पीएम जन मन योजना से लेकर कई बड़े कार्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर ली है। ताकि लोकसभा चुनाव से पहले आदिवासी इलाकों में बीजेपी आदिवासियो को टारगेट कर सके और 29 सीट जीतने का लक्ष्य हासिल कर सके।