झारखंड में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी थाम सकते हैं बीजेपी का दामन, हार के बाद पार्टी नये खेवनहार के चक्कर में

By एस पी सिन्हा | Updated: January 7, 2020 20:23 IST2020-01-07T20:23:04+5:302020-01-07T20:23:04+5:30

झारखंडः बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने की अटकलें भले ही जोरों पर हो, लेकिन झाविमो प्रमुख का अब तक का रुख इसे खारिज करता नजर आता है. बाबूलाल ने खुद हेमंत सोरेन सरकार को अपनी पार्टी का समर्थन दे रखा है. महज दस दिन बाद वे अपने रुख से कैसे पलटेंगे यह बड़ा सवाल है. 

Babulal Marandi may join BJP in Jharkhand | झारखंड में झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी थाम सकते हैं बीजेपी का दामन, हार के बाद पार्टी नये खेवनहार के चक्कर में

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Highlightsझारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद अब भाजपा ने अपनी नई रणनीति तय करनी शुरू कर दी है. भाजपा ने अपने पुराने कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी को अपने पाले में लाने के मुहिम में जुट गई है.

झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी शिकस्त के बाद अब भाजपा ने अपनी नई रणनीति तय करनी शुरू कर दी है. भाजपा ने अपने पुराने कद्दावर नेता व पूर्व मुख्यमंत्री व झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी को अपने पाले में लाने के मुहिम में जुट गई है. ऐसे में अब यह संभावन जताई जा रही है कि अगर मिशन सही रहा तो मकर संक्रांति के बाद बाबूलाल मरांडी भाजपा के खेवनहार बन सकते हैं. 

यहां उल्लेखनीय है कि बाबूलाल मरांडी के भाजपा में शामिल होने की अटकलें भले ही जोरों पर हो, लेकिन झाविमो प्रमुख का अब तक का रुख इसे खारिज करता नजर आता है. बाबूलाल ने खुद हेमंत सोरेन सरकार को अपनी पार्टी का समर्थन दे रखा है. महज दस दिन बाद वे अपने रुख से कैसे पलटेंगे यह बड़ा सवाल है. 

भाजपा और बाबूलाल में एक दूसरे को लेकर नरमी इस कदर झलक रही है कि खरमास के बाद मधुमास के स्पष्ट संकेत नजर आने लगे हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारे में बाबूलाल की घर वापसी (भाजपा में वापसी) के दावे किए जाने लगे हैं. चर्चा सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, कहा यह भी जा रहा है कि पार्टी बाबूलाल को भाजपा विधायक दल के नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करेगी. 

हालांकि, प्रत्यक्ष में भाजपा का कोई नेता इस बाबत टिप्पणी करने को राजी नहीं है. बाबूलाल मरांडी ने भी इसे सिरे से खारिज किया है. बोले, कई बार पहले भी मैं इस पर स्थिति स्पष्ट कर चुका हूं. इधर, बाबूलाल के रुख को लेकर उनके दल के विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की भी पसोपेश में हैं. 

बाबूलाल ने कमेटी भंग की तो प्रदीप यादव ने सवाल उठाया कि ऐसा करना कोई जरूरी नहीं था. इन्हीं बातों से नाराज प्रदीप और बंधु के कांग्रेस में जाने की चर्चा भी जोरों पर है. वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में भी हैं. 

इधर, बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी की कार्यसमिति को भंग कर दिया है. खरमास बाद इस पर पुनर्विचार की बात कही. खरमास के संयोग से बाबूलाल के भाजपा में शामिल होने की अटकलों को बल मिलता नजर आ रहा है.

Web Title: Babulal Marandi may join BJP in Jharkhand

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