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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या भगवान राम के वंशज अभी भी अयोध्या में हैं?, वकील ने कहा- मुझे जानकारी नहीं है

By भाषा | Updated: August 9, 2019 21:12 IST

पीठ ने कहा, "हम सिर्फ सोच रहे हैं कि क्या 'रघुवंश' वंश का कोई व्यक्ति अभी भी (अयोध्या में) रह रहा है।" पीठ ने कहा कि यह जिज्ञासावश पूछा जा रहा है। पराशरन ने जवाब दिया, "मुझे जानकारी नहीं है। हम इसका पता लगाने की कोशिश करेंगे।"

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ठळक मुद्देशीर्ष अदालत के सवाल का जवाब दे रहे थे कि 'जन्मस्थानम' (देवता का जन्म स्थान) कैसे "न्यायिक व्यक्ति" के रूप में माना जा सकता है।उन्होंने कहा "हिंदू धर्म में जरूरी नहीं है कि उसी स्थान को मंदिर माना जाए जहां मूर्तियां हों।"

उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में शामिल पक्षों में से एक राम लला विराजमान से शुक्रवार को पूछा कि क्या रघुवंश (भगवान राम के के वंशज‍ों) में से कोई अभी भी अयोध्या में रह रहा है?

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायधीशों की पीठ ने राम लला विराजमान के लिये पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के पराशरन के सामने यह सवाल रखा। पीठ ने कहा, "हम सिर्फ सोच रहे हैं कि क्या 'रघुवंश' वंश का कोई व्यक्ति अभी भी (अयोध्या में) रह रहा है।" पीठ ने कहा कि यह जिज्ञासावश पूछा जा रहा है। पराशरन ने जवाब दिया, "मुझे जानकारी नहीं है। हम इसका पता लगाने की कोशिश करेंगे।"

सुनवाई के चौथे दिन, पराशरन शीर्ष अदालत के सवाल का जवाब दे रहे थे कि 'जन्मस्थानम' (देवता का जन्म स्थान) कैसे "न्यायिक व्यक्ति" के रूप में माना जा सकता है। उन्होंने कहा "हिंदू धर्म में जरूरी नहीं है कि उसी स्थान को मंदिर माना जाए जहां मूर्तियां हों।"

उन्होंने कहा, "हिंदू किसी भी निश्चित रूप में देवताओं की पूजा नहीं करते हैं, बल्कि वे उन्हें दिव्य अवतार के रूप में पूजते हैं जिनका कोई रूप नहीं है।" इस मामले में दलीले 13 अगस्त को भी जारी रहेंगी। 

टॅग्स :अयोध्या विवादसुप्रीम कोर्टजस्टिस रंजन गोगोई
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