लाइव न्यूज़ :

बिहार में पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज, कई चुनौतियों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा

By एस पी सिन्हा | Updated: June 18, 2021 19:35 IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद अब पंचायत चुनाव की आहट सुनाई पड़ने लगी है। राज्य में अगले दो महीने के बाद पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देबिहार में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव कराने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। अन्य राज्यों से एम-2 मॉडल ईवीएम मंगाने का फैसला किया गया है। बाढ़ और बारिश से प्रभावित गांवों में चुनाव कराना बड़ी चुनौती है। 

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद अब पंचायत चुनाव की आहट सुनाई पड़ने लगी है। राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में अगले दो महीने के बाद पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके लिए चहलकदमी एक बार फिर से तेज हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। पहले इवीएम विवाद और फिर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते पंचायत चुनाव को टाल दिया गया था। 

सूत्रों के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग ने दूसरे प्रदेशों से एम-2 मॉडल की ईवीएम मंगाने का फैसला किया है। इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग के पास अपनी भी ईवीएम है। ऐसे में जरूरत को ध्यान में रखकर ही आयोग ईवीएम मंगाई जाएगी। इसके लिए दूसरे राज्यों से ईवीएम उपलब्ध कराने को लेकर पत्र भी लिखे जा रहे हैं। बिहार में तय समय के अंदर पंचायत चुनाव नहीं होने का सबसे बड़ा कारण ईवीएम चुनने का विवाद था। यह विवाद भारत निर्वाचन आयोग और बिहार के राज्य चुनाव आयोग के बीच छिड़ा था। 

इस मामले में विवाद इतना बढ़ा कि मामला हाइकोर्ट तक चला गया था। काफी जद्दोजहद के बाद ईवीएम के पेंच को सुलझा लिया गया, लेकिन इस बीच कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे बिहार में अपनी पकड़ मजबूत बना ली। पूरे राज्य में त्राहिमाम था, जिसके कारण स्वभाविक तौर पर इसका आयोजन टला। अब जब राज्य में कोरोना संक्रमण की की दूसरी लहर कम हुई है और संक्रमण पर लगाम लगी है तो चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है।

बाढ़ प्रभावित जिलों में चुनाव कराना मुश्किल

सूत्रों के अनुसार आयोग ने आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखा है। इसमें बाढ़ प्रभावित जिलों से लेकर प्रखंड और पंचायतों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है। यदि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का कोई असर नहीं दिखता है तो आयोग की रणनीति सितंबर तक चुनाव संपन्न कराने की है। हालांकि राज्य के कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ वाले हालात बन गए हैं। चंपारण के कई गांवों में बाढ़ का पानी घर के अंदर घुसने लगा है। वहीं निचले इलाके से लोगों को बाहर निकालने की कवायद तेज हो गई है। इस बीच चुनाव आयोग के लिए यह बड़ी समस्या बनी है। विस्थापितों को मतदान से वंचित नहीं किया जा सकता है, जिसे ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग बारिश व बाढ़ प्रभावित पंचायतों का कैलेंडर प्राप्त करने के लिए प्रयासतर है। 

परामर्शी समितियां चला रही गांवों की सरकार

दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर की संभावना भी बनी हुई है। अगले दो से तीन महीने में अगर बाढ़ और संक्रमण दोनों की मुश्किलें सामने नहीं रही तो चुनाव आयोग जल्द ही पंचायत चुनाव संपन्न करा सकता है। गांवों में फिलहाल परामर्शी समिति सरकार चला रही है.। इससे जुडे़ अध्यादेश की मियाद भी नवंबर में पूरी हो जाएगी। इसलिए भी आयोग तेजी चाहता है।

टॅग्स :बिहारचुनाव आयोग
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारतSIR Update 2025: वोटर लिस्ट में कैसे चेक करें अपना E-EPIC नंबर और नाम, इन स्टेप्स को करें फॉलो

भारत'अमित शाह ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन का आधार तैयार करने के लिए SIR का इस्तेमाल किया', ममता बनर्जी ने लगाया आरोप

भारत अधिक खबरें

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट