Azamgarh By Election 2022: इस बार मुकाबला बराबरी का है, आजमगढ़ से नामांकन दाखिल करने के बाद बोले निरहुआ- अखिलेश ने सीट खाली कर अच्छा किया
By अनिल शर्मा | Published: June 6, 2022 02:25 PM2022-06-06T14:25:13+5:302022-06-06T14:58:12+5:30
नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए निरहुआ ने कहा कि इस बार का मुकाबला बराबरी का है। पिछली हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली बार मुकबला टफ था। क्योंकि विपक्षी पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ रही थीं।
आजमगढ़ः यूपी के आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के भाजपा उम्मीदवार व भोजपुरी गायक-अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने अपना नामांकन पत्र सोमवार दाखिल कर दिया। कलेक्ट्रेट पहुंचे दिनेश लाल यादव के साथ यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे। पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद निरहुआ और मजबूत हुए हैं और उन्हें इस बार यकीन है कि आजमगढ़ की जनता कमल खिलाएगी।
नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए निरहुआ ने कहा कि इस बार का मुकाबला बराबरी का है। पिछली हार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछली बार मुकबला टफ था। क्योंकि विपक्षी पार्टियां गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी। इसलिए उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस बार का मुकाबला बराबरी का है।
भोजपुरी अभिनेता ने कहा कि तीनों पार्टियां बराबरी पर चुनाव लड़ेंगी। इसमें अब जनता को तय करना है कि जनता क्या चाहती है। जनता चाहती है कि सरकार के साथ जुड़कर आजमगढ़ का भविष्य चमकाए तो यहां निश्चित रूप से कमल खिलेगा। निरहुआ ने कहा कि अखिलेश यादव ने यहां की सांसदीय सीट खाली करके अच्छा किया। क्योंकि वे यहां समय नहीं दे पाते। वे बड़े नेता हैं। उन्होंने सांसद रहते यहां कुछ नहीं किया। इसलिए उन्होंने ये चुनाव किया और विपक्ष में बैठे।
कानपुर हिंसा पर क्या बोले निरहुआ?
गौरतलब है कि रविवार को निरहुआ भंवरनाथ मंदिर पहुंचे थे। यहां वह अपनी जीत के लिए हवन-पूजा किया। मीडिया से मुखातिब होने के दौरान जब उनसे कानपुर हिंसा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उपद्रव और दंगा फैलाने वालों की दवा बाबा की सरकार अच्छी तरह से करती है। इन उपद्रवियों की सात पीढ़ियां ऐसा नहीं करेगी। यह लोग शायम भूल गए कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। यह छोड़ने वाली सरकार नहीं है। जरा सा भी अराजता की तो संपत्तियों पर बुलडोजर चल जाएगा। आने वाली सात पीढ़ियां उपद्रव और दंगा करने के बारे में नहीं सोचेंगी।
बता दें दिनेश लाल यादव ने 2019 में भी लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें 3 लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी। इस बार उपचुनाव में भाजपा ने फिर उन्हें उम्मीदवार बनाया है। वहीं सपा ने आजमगढ़ से सुशील आनंद को उम्मीदवार बनाया है। सुशील आनंद बामसेफ के संस्थापक सदस्यों में रहे बलिहारी बाबू के बेटे हैं। उधर, मायावती ने मुस्लिम चेहरे गुड्डू जमाली पर दांव लगाया है।