समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और सांसद आजम खान ने विवादित बयान देते हुये कहा है कि मदरसों में नाथूराम गोडसे और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे लोग पैदा नहीं होते हैं। आजम खान ने ये बयान मदरसों को मेनस्ट्रीम एजुकेशन से जोड़ने की बात पर कहा। नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी। भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी हैं। लोकसभा चुनाव-2019 में सपा के पांच जीते सांसदों में से एक आजम खान हैं। आजम खान ने रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने बीजेपी की उम्मीदवा और अभिनेत्री जया प्रदा को हराया था।
आजम खान ने कहा, नाथूराम गोडसे जैसे विचारों और स्वाभाव वाले लोग या फिर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से लोग मदरसों से नहीं निकलते हैं। सबसे पहले ये सुनिश्ति किया जाना चाहिए कि नाथूराम गोडसे के प्रचार करने वाले लोग को सम्मान नहीं दिया जाएगा। जो लोग गोडसे के विचारों को फैला रहे हैं वो लोकतंत्र के दुश्मन हैं और आतंकी गतिविधियों के आरोपी भी हैं। आजम खान ने ये बयान न्यूज एजेंसी एएनआई को दिया है।
आजम खान ने कहा, नरेन्द्र मोदी की सरकार सच में मदरसों को मदद करना चाहती है तो उसे इनमें कुछ सुधार करना होगा। उन्होंने कहा, 'मदरसों में धार्मिक शिक्षण दिया जाता है। इसके साथ ही अंग्रेजी, हिंदी और गणित भी पढ़ाया जाता है। यह हमेशा किया जाता रहा है। यदि आप मदद करना चाहते हैं तो फिर उनके स्तर में बदलाव करें। मदरसों के लिए अच्छी इमारतें बनवाएं, मिड डे मील दें और फर्नीचर मुहैया कराएं।
चुनाव प्रचार के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताया था
मालेगांव बम धमाके के मामले की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव 2019 में प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को हराया है। चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने महात्मा गांधी की 1948 में हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' करार दिया था। जिसपर काफी विवाद हुआ था। बीजेपी ने उन्हें फटकार भी लगाई थी। पीएम मोदी ने प्रज्ञा पर कहा था कि वो दिल से कभी भी प्रज्ञा ठाकुर को माफ नहीं कर पाएंगे। विवादों के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी।
मदरसों को फॉर्मल एजुकेशन और मेनस्ट्रीम एजुकेशन से जोड़ा जाएगा: अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 11 जून को जानकारी दी थी कि देश में बड़े पैमाने पर मौजूद मदरसों को फॉर्मल एजुकेशन और मेनस्ट्रीम एजुकेशन से जोड़ा जाएगा। मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था, इससे मदरसों के बच्चे भी समाज के विकास में योगदान कर सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि मदरसों के बच्चों को मिलने वाले स्कॉलरशिप से उनका काफी विकास भी होगा। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। ताकी वो मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि की शिक्षा दे सके। केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया है कि इसका ड्राफ्ट जल्द ही बना लिया जाएगा और जल्द लागू भी किया जा सकता है।