Ayodhya Verdict: पीएम मोदी का संबोधन, कहा- '9 नवंबर खास, आज का दिन जोड़ने, जुड़ने और मिलकर जीने का संदेश देता है'
By विनीत कुमार | Updated: November 9, 2019 18:15 IST2019-11-09T18:03:07+5:302019-11-09T18:15:41+5:30
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद में ऐतिहासिक फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम देश को संबोधित किया। इससे पहले शनिवार सुबह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी पीएम मोदी ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

अयोध्या पर फैसले के बाद पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या विवाद में ऐतिहासिक फैसले के बाद अब पीएम मोदी ने शनिवार शाम देश को संबोधित करते हुए कहा कि अब दशकों तक इस मामले में चल रही प्रक्रिया का समापन कर दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि ये खुशी की बात से फैसला सर्वसम्मति से आया। पीएम मोदी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है। इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं।'
'9 नवंबर का दिन बहुत महत्वपूर्ण'
पीएम मोदी ने 9 नवंबर के दिन को खास बताते हुए कहा कि आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है। जर्मनी की दीवार गिराये जाने की घटना को याद करते हुए पीएम ने कहा, 'नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है।'
पीएम ने कहा, 'सुप्रीम का ये फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी।'
पीएम मोदी ने कहा, 'फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है।'
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— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
इससे पहले शनिवार सुबह भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी पीएम मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि इसे किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
पीएम ने ट्वीट कर कहा, 'रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारत भक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।'
फैसला आने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।'
पीएम ने आगे लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।'
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करते हुये केंद्र को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिये किसी वैकल्पिक लेकिन प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ भूखंड आवंटित किया जाये।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस फैसले को सुनाया। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनंजय वाई चन्द्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल थे।