Ayodhya Verdict: मंदिरों में लाइन, घंटियां बजने की आवाजें, गली में खेलते बच्चे, राम की नगरी में गंगा जमुनी तहजीब कायम

By भाषा | Published: November 10, 2019 04:17 PM2019-11-10T16:17:10+5:302019-11-10T16:17:10+5:30

मंदिरों में रोज की तरह सवेरे सवेरे लोग पूजा करने पहुंचे हैं, घंटियां बजने की आवाजें आ रही हैं, हिंदू हों या मुस्लिम, सभी इलाकों में दुकानें हर रोज की तरह खुली हैं और सामान्य दिनों की तरह बच्चे गलियों में खेलते नजर आ रहे हैं।

Ayodhya Verdict: Line in temples, ringing bells, children playing in street, Ganga Jamuni tahajib in Ram's city | Ayodhya Verdict: मंदिरों में लाइन, घंटियां बजने की आवाजें, गली में खेलते बच्चे, राम की नगरी में गंगा जमुनी तहजीब कायम

शहर में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। सुरक्षा वयवस्था चाक चौबंद है और पुलिस लगातार गश्त कर रही है।

Highlightsना शहर की फिजा में तनाव है और न लोगों के चेहरों पर किसी तरह की शिकन।सब का यही मानना है कि इंसानियत से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जिस तरह का जज्बा दिखाया और जिस तरीके से इस फैसले का स्वागत किया।

अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से राम लला की इस नगरी के लोगों की जिंदगी में कहीं, किसी प्रकार की कोई हलचल नहीं हुयी है और सदियों से चली आ रही गंगा जमुनी तहजीब कायम है।

मंदिरों में रोज की तरह सवेरे सवेरे लोग पूजा करने पहुंचे हैं, घंटियां बजने की आवाजें आ रही हैं, हिंदू हों या मुस्लिम, सभी इलाकों में दुकानें हर रोज की तरह खुली हैं और सामान्य दिनों की तरह बच्चे गलियों में खेलते नजर आ रहे हैं।

ना शहर की फिजा में तनाव है और न लोगों के चेहरों पर किसी तरह की शिकन। धार्मिक नगरी अयोध्या से बस्ती आजमगढ़ सुल्तानपुर की ओर जाने वाले तमाम रास्तों पर जिन लोगों से बातचीत हुई, सब का यही मानना है कि इंसानियत से बड़ा कोई रिश्ता नहीं होता। फैसला सभी को स्वीकार है और सब उससे संतुष्ट हैं।

विशेष तौर पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जिस तरह का जज्बा दिखाया और जिस तरीके से इस फैसले का स्वागत किया उससे हिंदू समुदाय के लोग अभिभूत महसूस कर रहे हैं। शहर में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। सुरक्षा वयवस्था चाक चौबंद है और पुलिस लगातार गश्त कर रही है।

नया घाट पर आज श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई और लोग सरयू में डुबकी लगाते देखे गए। कुछ श्रद्धालु हनुमानगढ़ी मंदिर के दर्शन करने पहुंचे, एक दल कर्नाटक के बेंगलुरु से भी आया था हनुमानगढ़ी और कनक भवन सहित अयोध्या के सभी मंदिरों में आम दिनों की तरह आरती और पूजा अर्चना की गई।

पूजा अर्चना में महाराष्ट्र और असम से आया तीर्थ यात्रियों और श्रद्धालुओं का दल भी शामिल हुआ। धार्मिक स्थानों के अलावा शहर के तमाम सार्वजनिक स्थलों, बाजारों, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन और ऐसी ही अन्य जगहों पर आज रौनक देखी गई। लोग आम दिनों की तरह घूमते फिरते खरीदारी करते नजर आए।

आरपीएफ के पूर्व कमांडेंट अमरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि अदालत का फैसला ऐतिहासिक है। दोनों पक्षों का ध्यान रखा गया है। ये भारत की गंगा जमुनी तहजीब के संस्कार को परिलक्षित करने वाला फैसला है। शहर के वरिष्ठ पत्रकार राजेश सिंह सेंगर ने कहा कि अयोध्या में हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब रही है और वह आज भी है। जो फैसला आया है, उसके पहले भी और उसके बाद भी हिंदू मुसलमान एक साथ मिलजुल कर रहते आये है और आगे भी रहेंगे।

संयुक्त व्यापार मंडल के प्रभारी चंद्र प्रकाश मिश्रा ने कहा कि शहर के हालात एकदम सामान्य है, कहीं किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है । कहीं किसी के बीच, किसी तरह का कोई विवाद या तनाव नहीं है। अयोध्या में गुलाब बाड़ी एक ऐसा इलाका है जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन यहां की सड़कों से गुजरते हुए ऐसा लगा कि स्थिति जैसे पहले सामान्य चल रही थी, वैसी ही चल रही है। दुकानें खुली हुई है, आज रविवार है, छुट्टी का दिन है।

गलियों में बच्चे पूरी मस्ती से खेल रहे हैं। शहर का एक इलाका है रीड गंज चौराहा जहां पर हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के लोगों की दुकानें हैं। वहां कहीं किसी तरह का कोई तनाव नजर नहीं आता है। भारत ट्रेडर्स के मालिक मोहम्मद नौशाद ने बताया कि शहर के हालात सामान्य हैं। रोज की तरह लोग अपने अपने काम में लगे हुए हैं। फैसला आया, लोगों ने फैसले का स्वागत किया। मुसलमान अमन चैन चाहता है। लोग त्योहारों को अपने-अपने घरों में अपने तरीके से मना रहे हैं ना कि सड़कों पर। हम एकता और शांति चाहते हैं।

अयोध्या का इतिहास है भाईचारे का और मोहब्बत का। अयोध्या में सोहावल तहसील के रहने वाले शिक्षक मोहम्मद मुश्ताक हालांकि फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन उनका यह भी कहना है कि कहीं ना कहीं कुछ लोगों के बीच समझबूझ की कमी है और वह इसे अपने ढंग से अभिव्यक्त कर रहे हैं। लेकिन अयोध्या के मुसलमान शीर्ष अदालत के फैसले का पूरी तरह सम्मान करते हैं।

मशहूर फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा की वेब सीरीज "आश्रम" में अभिनय कर रहे स्थानीय अभिनेता रत्नाकर दुबे का मानना है कि जब से पैदा हुए थे तब से मंदिर मस्जिद का मुद्दा चल रहा था और अब उसका निपटारा हो गया है तो लोग वापस अपनी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं और अपने कामकाज में लगे हुए हैं। 

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