Ayodhya Verdict: ASI की जिस 'खोज' का सुप्रीम कोर्ट ने दिया हवाला, उस टीम में रहे केके मुहम्मद ने कहा- फैसला आया तो लगा मैं दोष मुक्त हो गया
By विनीत कुमार | Updated: November 9, 2019 14:41 IST2019-11-09T14:41:19+5:302019-11-09T14:41:19+5:30
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि पर पुरातात्विक सर्वेक्षण करने वाली टीम के हिस्सा रहे केके मुहम्मद ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कहा कि एएसआई के रिपोर्ट के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट निष्कर्ष तक पहुंच सका।

Ayodhya Verdict: ASI की जिस 'खोज' का सुप्रीम कोर्ट ने दिया हवाला, उस टीम में रहे केके मुहम्मद ने कहा- फैसला आया तो लगा मैं दोष मुक्त हो गया
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला शनिवार को आ गया। इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता भी साफ हो गया। कोर्ट ने अपने फैसले में 'आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया' (ASI) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए साफ किया कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी और जहां बनी थी वहां पहले से भी कुछ मौजूद था और इस्लामिक नहीं था।
इस पूरे विवाद और अब फैसले के बीच एक शख्स भी खूब चर्चा में रहा। ये हैं एएसआई के पूर्व रिजनल डायरेक्टर (नॉर्थ) और राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि पर पुरातात्विक सर्वेक्षण करने वाली टीम के हिस्सा रहे केके मुहम्मद, जिनके खुलासों ने इस मामले को नया मोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब केके मुहम्मद की भी प्रतिक्रिया आई है।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित भूमि पर पुरातात्विक सर्वेक्षण करने वाली टीम के हिस्सा रहे केके मुहम्मद ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कहा कि एएसआई के रिपोर्ट के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट निष्कर्ष तक पहुंच सका। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार फैसला आने के बाद मुहम्मद ने कहा, 'एएसआई की ओर से हमने जो ऐतिहासिक और पुरातात्त्विक सबूत रखे, उसी के आधार पर कोर्ट इस नतीजे तक पहुंचा कि पहले वहां एक विशाल मंदिर था और हमें एक बार फिर वहां नया मंदिर बनाना चाहिए।'
K K Muhammed, former regional director (North), Archaeological Survey of India: On the basis of archaeological & historical evidences that were supplied by ASI, court came to conclusion that there was a huge magnificent temple earlier & we should build a new temple once more. pic.twitter.com/iwAL2z5aYM
— ANI (@ANI) November 9, 2019
मुहम्मद ने साथ ही कहा, 'मैं दोषमुक्त महसूस कर रहा हूं, मुझे कुछ लोगों द्वारा कमतर महसूस कराया गया। यही फैसला था जिसे हम चाहते थे।'
अयोध्या में पुरातात्विक सर्वेक्षण में बतौर छात्र शामिल हुए थे केके मुहम्मद
एएसआई ने 1976 और 1977 में विवादित जमीन का पुरातात्विक सर्वेक्षण किया। उस समय एएसआई के महानिदेशक बीबी लाल थे। इस टीम में केके मुहम्मद भी शामिल थे। केके मुहम्मद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद 'स्कूल ऑफ़ आर्केयोलॉजी' में पढ़ना शुरू किया और वे इस तरह इस सर्वेक्षण में बतौर छात्र शामिल हुए।
कुछ वर्षों बाद केके मुहम्मद ने पुरातात्विक सर्वेक्षण का खुलासा करते हुए कहा कि 'वहां से प्राचीन मंदिरों' के अवशेष मिले थे। हालांकि, इसे लेकर विवाद बना रहा। कई जानकारों का मानना था कि ये साफ-साफ नहीं कहा जा सकता कि मिले हुए अवशेष हिंदू मंदिर के ही हैं। कुछ पुरातत्वविद यह मानते हैं कि मिले हुए अवशेश जैन या बौद्ध मंदिर के भी हो सकते हैं।
केके मुहम्मद को मिल चुका है पद्मश्री
केके मुहम्मद को इसी साल पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। केरल के कालीकट में जन्में मुहम्मद कोडुवैली में सरकारी स्कूल में शुरुआती पढ़ाई की। अपने ऊपर लगते रहे आरोपों को कई बार दरकिनार कर चुके वेणुगोपाल कहते रहे हैं कि एक पुरातत्त्वविद् प्रमाण योग्य चीजों के आधार पर बोलता है। केके मुहम्मद ने 2016 'मैं एक भारतीय' के नाम से अपनी ऑटोबाोग्राफी भी रिलीज की जिसमें उन्होंने करियर के अनुभवों को साझा किया है। इस किताब में भी वह दावा करते हैं कि पुरातात्विक सर्वेक्षण में हिंदू मंदिर के ही सबूत पाये गये हैं। वह 2012 में एएसआई से रिटायर हो चुके हैं।