Ayodhya Verdict: लालकृष्ण आडवाणी ने किया फैसले का स्वागत, कहा- SC के फैसले से मेरी बातों की पुष्टि हुई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 9, 2019 07:21 PM2019-11-09T19:21:36+5:302019-11-09T19:21:36+5:30
लाल कृष्ण आडवाणी ने खुशी जाहिर की और कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त होने से बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने खुशी जाहिर की और कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त होने से बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं।
लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा, 'मैं अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच-सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा दिए गए, ऐतिहासिक फैसले का तहे दिल से स्वागत करता हूं। यह मेरे लिए पूर्णता का क्षण है, क्योंकि सर्वशक्तिमान ईश्वर ने मुझे जन आंदोलन में अपना विनम्र योगदान देने का अवसर दिया था, जो कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के बाद से सबसे बड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला संभव हो गया है।'
आडवाणी ने आगे कहा, 'उच्चतम न्यायालय के फैसले से मेरी बातों की पुष्टि हुई हैं और अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त होने से बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं।'
LK Advani: It is a moment of fulfillment for me because God Almighty had given me an opportunity to make my own humble contribution to the mass movement, the biggest since India’s Freedom Movement, aimed at the outcome which SC's verdict today has made possible. #AyodhyaJudgmenthttps://t.co/3ri1Uuu74q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
नब्बे के दशक में भाजपा को राष्ट्रीय राजनीति की मुख्यधारा में लाने वाले रामजन्मभूमि आंदोलन की पटकथा रामचंद्र परमहंस ने लिखी तो इसकी नींव रखी अशोक सिंघल ने, जबकि लालकृष्ण आडवाणी इसका राजनीतिक चेहरा बने। अस्सी के दशक के आखिर में भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी इस आंदोलन का राजनीतिक चेहरा बने थे, जिन्होंने इस आंदोलन को परवान चढाया था।
बता दें कि अयोंध्या में 2.77 एकड़ विवादित जमीन को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से राम लला विराजमान को देने और मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का फैसला किया। कोर्ट ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है।