श्रीरामलला विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा, समारोह में योगी और भागवत भी शामिल होंगे!
By राजेंद्र कुमार | Published: November 10, 2023 05:20 PM2023-11-10T17:20:51+5:302023-11-10T17:32:18+5:30
अयोध्या जिले में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर में श्रीरामलला विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे।
लखनऊ: अयोध्या जिले में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर में श्रीरामलला विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उन्हें प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का औपचारिक निमंत्रण दिया।अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह अगले वर्ष 22 जनवरी को होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में भूमि पूजन कर राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सहित समारोह में मौजूद तीन सौ से अधिक साधु संतों की मौजूदगी में यह ऐलान किया था कि आज से भारत के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पीएम मोदी के इस ऐलान को शुक्रवार को याद करते हुए कहा कि श्रीरामलला विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण पाने से मेरा मन आह्लादित हो गया है। सीएम आवास पर निमंत्रण लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज, चम्पत राय और राजेंद्र पंकज पहुंचे थे। योगी ने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी अपने मन के यह उद्गार लिखे कि 'आज जीवन धन्य हो गया है। मन आह्लादित है। आभार! जय जय सीताराम।'
अयोध्या से श्री गोरक्षपीठ का जुड़ा रहा है
सीएम योगी का अयोध्या के राममंदिर से नाता रहा है। गोरखनाथ मंदिर और अयोध्या का जुड़ाव रहा है। मंदिर के इतिहास के अनुसार श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ से श्री गोरक्षपीठ सतत जुड़ा रहा है। ब्रिटिश राज में श्रीराम मंदिर के मुद्दे को स्वर देने का कार्य मुख्यमंत्री योगी के दादा गुरु महंत दिग्विजयनाथ महाराज ने किया था। उनके ब्रह्मलीन होने के बाद अपने गुरुदेव के संकल्प को महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपना बना लिया, जिसके बाद श्री राम मंदिर निर्माण आंदोलन के निर्णायक संघर्ष का सूत्रपात हुआ।
वर्ष 1984 में जब अयोध्या के वाल्मीकि भवन में श्री राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ था तो सर्वसम्मति से तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज को अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद से सीएम योगी अयोध्या के राममंदिर निर्माण से जुड़े रहे हैं। उनके ही शासनकाल में भगवान राम के अस्थाई मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ और भगवान राम के तिरपाल से मंदिर को नया रूप गया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम योगी की देखरेख में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। और अब अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होगा।
पीएम मोदी रहेंगे मुख्य यजमान
चंपत राय के अनुसार अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे। कुछ दिन पहले ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने दिल्ली जाकर मोदी को निमंत्रण पत्र सौंपा था। अयोध्या में होने वाले इस कार्यक्रम में करीब ढाई हजार साधु और संतों को निमंत्रण दिया जा रहा है।
इसके अलावा साढ़े चार हजार मेहमान भी उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के प्रमुख समारोह में मौजूद होंगे। चंपत राय के अनुसार जल्दी ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी समारोह में शामिल होंगे का निमंत्रण दिया जाएगा।