Ayodhya Dispute: सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई, जानें हिन्दू-मुस्लिम पक्षकारों को मिलेगा कितना समय

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 16, 2019 07:46 AM2019-10-16T07:46:11+5:302019-10-16T07:46:11+5:30

अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ये दूसरी बड़ी सुनवाई बन गई है और इससे पहले केशवानंद भारती मामले की सुनवाई 68 दिन चली थी। जानें आखिरी दिन की सुनवाई का पूरा ब्यौरा

Ayodhya Dispute: Last day hearing in Supreme Court today, here is minute to minute schedule | Ayodhya Dispute: सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई, जानें हिन्दू-मुस्लिम पक्षकारों को मिलेगा कितना समय

Ayodhya Dispute: सुप्रीम कोर्ट में आज अंतिम सुनवाई, जानें हिन्दू-मुस्लिम पक्षकारों को मिलेगा कितना समय

Highlightsपहले 45 मिनट तक हिंदू पक्षकार बहस पूरी करेंगे इसके बाद जवाब देने के लिए मुस्लिम पक्षकारों को 1 घंटा45-45 मिनट के चार स्लॉट अन्य पक्षकारों के लिए

अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मिस्जद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के दौरान संविधान पीठ की अगुवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अब कहा है कि मामले की लगातार सुनवाई का बुधवार आखिरी दिन है। उम्मीद है कि अब ये सुनवाई 40वें दिन खत्म हो जाएगी। 39वें दिन उन्होंने 40वें दिन होने वाले अदालत की कार्यवाही का समयबद्ध ब्यौरा सबको बताया। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ये दूसरी बड़ी सुनवाई बन गई है और इससे पहले केशवानंद भारती मामले की सुनवाई 68 दिन चली थी। 

दरअसल, 37वें दिन की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि अब ये सुनवाई 18 की बजाए 17 अक्तूबर को पूरी होगी। फैसला लिखने के लिए मिलेंगे 4 हफ्ते 26 सितंबर को सुनवाई शुरू होते ही सीजेआई ने सभी पक्षकारों से कहा था कि इस मामले में दस्तावेज को देखते हुए अगर फैसला लिखने के लिए जजों की चार हफ्ते का समय मिलता है, तो ये एक चमत्कार होगा। उन्होंने कहा था कि अब कुल मिलाकर साढ़े दस दिन की सुनवाई होनी है लिहाजा पक्षकार इतने वक्त में ही सुनवाई पूरी करें क्योंकि 18 अक्तूबर के बाद एक भी अतिरिक्त दिन नहीं मिलेगा। वहीं पीठ ने पक्षकारों को एक बार फिर मध्यस्थता के जरिए समझौता करने की अनुमति दे दी थी।

गोगोई की सेवानिवृत्ति से पहले फैसला 

सीजेआई गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं इसलिए उन्हें इससे पहले ये फैसला सुनाना होगा। अत: प्रधान न्यायाधीश ने पक्षकारों को कहा था कि सभी पक्षों को मिलकर संयुक्त प्रयास करना होगा कि सुनवाई और दलीलें 18 अक्तूबर तक पूरी हो जाए, ताकि जजों को फैसला लिखने का वक्त मिले। साथ ही पक्षकारों के वकील कोर्ट में सुझाव भी दाखिल करें कि इस मामले में राहत किस तरह दी जा सकती है। 

यह था हाईकोर्ट का फैसला 

सीजेआई रंजन गोगोई, न्यायामूर्ति एस.ए. बोबड़े, न्यायामूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायामूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ के सामने अपीलों का समूह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले के खिलाफ है, जिसमें फैसला सुनाया गया था कि अयोध्या की 2.77 एकड़ भूमि को 3 भागों में विभाजित किया जाए, जिसमें 1/3 हिस्से में राम लला या शिशु राम के लिए हिंदू सभा द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाना है। इस्लामिक सुन्नी वक्फ बोर्ड में 1/3 और शेष 1/3 हिस्सा हिंदू धार्मिक संप्रदाय निर्मोही अखाड़ा को दिया जाए। 

ऐतिहासिक भूल सुधारने की जरूरत

हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में आज 39वें दिन की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्षकार के वकील के. परासरन ने मस्जिद बनाए जाने को ऐतिहासिक भूल करार दिया। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश की गई दलील का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर बाबर ने मस्जिद बनवाई और यह एक ऐतिहासिक भूल की गई थी, जिसे सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में 55 से 60 मस्जिदें हैं और मुस्लिम समुदाय किसी भी मस्जिद में नमाज पढ़ सकते हैं। लेकिन विवादित स्थल ही भगवान राम का जन्मस्थान है और जन्मस्थान नहीं बदला जा सकता।

समाचार एजेंसियों से इनपुट्स लेकर

Web Title: Ayodhya Dispute: Last day hearing in Supreme Court today, here is minute to minute schedule

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे