अयोध्या मामलाः मुंबई में धारा 144 लागू, चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 9, 2019 12:18 IST2019-11-09T12:18:22+5:302019-11-09T12:18:22+5:30
मुंबई पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि निषेधाज्ञा आदेश सुबह 11 बजे से लागू हुआ और अगले 24 घंटे के लिए लागू रहेगा। इस आदेश के चलते जन सभा करना या चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने या जुलूस निकालने पर रोक है।

1993 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद यहां साम्प्रदायिक दंगे हुए थे।
संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मुंबई में शनिवार को सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गयी जिसके तहत चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी है।
मुंबई पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि निषेधाज्ञा आदेश सुबह 11 बजे से लागू हुआ और अगले 24 घंटे के लिए लागू रहेगा। इस आदेश के चलते जन सभा करना या चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने या जुलूस निकालने पर रोक है। इसमें ऐसी गैरकानूनी सभाओं में भाग लेने के इरादे से लोगों को ले जाने वाले सभी तरह के वाहनों के प्रवेश पर रोक है। वित्तीय राजधानी में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। 1993 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद यहां साम्प्रदायिक दंगे हुए थे।
अयोध्या फैसला: मुंबई दरगाह के न्यासी ने शांति की अपील की
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर हाजी अली तथा माहिम दरगाह के न्यासी ने और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले के सरकारी गवाह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। विस्फोट मामले में सरकारी गवाह बने उस्मान जान खान ने अपील की कि मुस्लिम समुदाय को इस फैसले को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिए।
उस्मान ने विस्फोट मामले में टाइगर मेनन जैसे गैंगस्टर की भूमिका का खुलासा किया था। वहीं माहिम दरगाह के प्रबंधक न्यासी और हाजी अली दरगाह के न्यासी सुहैल खांडवानी ने विभिन्न समुदायों से अपील की कि वह शीर्ष अदालत के फैसले को स्वीकार करें और राष्ट्रीय एकता बनाने के लिए मिलकर काम करें। उ
न्होंने कहा, ‘‘हमें विभाजनकारी ताकतों को इस नाजुक हालात का फायदा उठाने से रोकना होगा और गड़बड़ी फैलाने के उनके प्रयासों को खत्म करना होगा। शांति तथा सद्भाव कायम रखना और एक दूसरे की आस्था का सम्मान करना वक्त की जरूरत हैं।