बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नइया को बीच मझधार से निकालने नागपुर से पटना पहुंचे अविनाश पांडेय, क्या दिखा पायेंगे करिश्मा?
By एस पी सिन्हा | Updated: October 25, 2025 16:40 IST2025-10-25T16:40:40+5:302025-10-25T16:40:45+5:30
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की सलाह पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य अविनाश पांडेय को चुनाव में उतारा है। अविनाश पांडेय मूलरूप से महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नइया को बीच मझधार से निकालने नागपुर से पटना पहुंचे अविनाश पांडेय, क्या दिखा पायेंगे करिश्मा?
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हिचकोले खाती नैया को बीच मझधार से निकालने के लिए राहुल गांधी ने अनुभवी नेता अविनाश पांडेय को चुनाव में उतार दिया है। अविनाश पांडेय ने नागपुर से आकर शनिवार से पटना में डेरा डाल दिया है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की सलाह पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य अविनाश पांडेय को चुनाव में उतारा है। अविनाश पांडेय मूलरूप से महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं।
जानकारों के अनुसार 2019-20 में राजस्थान में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच विवाद को सुलझाने के लिए तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अविनाश पांडेय पर भरोसा किया था और उन्हें जयपुर भेजा था। पायलट और गहलोत विवाद काफी सुर्खियों में रहा था। लेकिन माना जाता है कि अविनाश पांडेय की सूझबूझ से यह विवाद कुछ दिनों बाद सुलट गया था।
ऐसे में अविनाश पांडेय की संगठनात्मक क्षमता से प्रेरित होकर राहुल गांधी ने 2023 में उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रभारी महासचिव बनाया था। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया और भाजपा को 240 सीटों पर समेटा जा सका। अविनाश पांडेय देश के जाने माने वकील भी रह चुके हैं।
अविनाश पांडेय महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। इसके बाद 2010 में महाराष्ट्र से राज्य सभा सांसद भी चुने गए। वह कांग्रेस की यूथ विंग एनएसयूआई में विभिन्न पदों पर रहते हुए यहां तक पहुंचे हैं। वह गांधी परिवार के भी करीबी माने जाते हैं। अविनाश पांडेय उन पुराने नेताओं में हैं, जिनपर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों बराबर भरोसा करते हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले से ही बिहार में सक्रिय हैं। बावजूद इसके बिहार कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर अंदरुनी कलह सामने आ चुके हैं। पटना में जिस दिन महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी उसी समय सदाकत आश्रम में कांग्रेस के कुछ नेता और कार्यकर्ता प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम को हटाने की मांग कर रहे थे।