अतीक और उसके भाई अशरफ को कसारी मसारी क्रबिस्तान में किया गया सुपुर्द-ए-खाक
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 16, 2023 20:54 IST2023-04-16T20:46:47+5:302023-04-16T20:54:49+5:30
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव को पोस्टमार्टम के बाद उसके मूल निवास स्थान चकिया के कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

फाइल फोटो
प्रयागराज: गोलियों से छलनी किये गये प्रयागराज के बाहुबली माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके पूर्व विधायक भाई अशरफ का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके मूल निवास स्थान चकिया के कसारी मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में दोनों के शवों को दफनाया गया । इससे पहले पुलिस ने अस्पताल में बाकायदा अतीक और अशरफ के शवों को परिजनों को सौंपें थे।
कसारी-मसारी कब्रिस्तान में अहमद और अशरफ के शवों को एंबुलेंस से लाया गया था। शवों के साथ परिवार का बुजुर्ग भी थे। पुलिस की गोलियों का शिकार हुए उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक के बेटे असद को भी पुलिस सुरक्षा में बीते शनिवार को इसी कब्रिस्तान में दफनाया गया था। इसी कब्रिस्तान में न केवल असद बल्कि अतीक के माता-पिता भी दफ्न हैं। कब्रिस्तान में भारी पुलिस बल मौजूदगी के बीच अतीक और अशरफ के कुछ दूर के रिश्तेदार और स्थानीय लोग मौजूद थे।
बीते शनीवार को कब्रिस्तान में दफनाया गया असद अतीक के पांच बेटों में तीसरे नंबर का था और बीते 24 फरवरी को हुई उमेश पाल की हत्या के बाद से फरार चल रहा था। जिसका यूपी एसटीएफ ने झांसी में गुलाम नाम के अन्य आरोपी के साथ एनकाउंटर किया था। असद को दफ़नाने के कुछ घंटों बाद अतीक और अशरफ़ की प्रयागराज के कॉल्विन हास्पिटल में मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय तीन आरोपियों ने भरी पुलिस सुरक्षा में गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एक तरफ कब्रिस्तान में अतीक और उसके भाई को दफनाया गया, वहीं दूसरी ओर प्रयागराज की अदालत ने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के आरोपी तीनों शूटर अरुण मौर्य, सन्नी सिंह और लवलेश तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
बता दें कि पुलिस कस्टडी में स्वास्थ्य जांच के लिए शनिवार देर रात प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए तीन बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने खुद को पत्रकार के रूप में पेश किया और उनके पास नकली कैमरा, माइक आईडी और जाली पहचान पत्र भी थे। हमले में शामिल तीन लोगों को मौके पर ही पकड़ लिया गया।
तीनों हमलावर लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्य बाइक पर सवार होकर मीडियाकर्मी बनकर आए थे और घटना को अंजाम देने के बाद सरेंडर कर दिया। अब पुलिस इन तीनों का इतिहास खंगाल रही है। हत्याकांड के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।