जब एक साधारण कर्मचारी की शादी में एक बुलावे पर पहुंचे अटल, शुभ मुहूर्त के लिए किया तीन घंटे इंतजार
By पल्लवी कुमारी | Published: August 17, 2018 01:31 PM2018-08-17T13:31:26+5:302018-08-17T13:37:06+5:30
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल में निधन हुआ। शुक्रवार की शाम स्मृति स्थल राजघाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
नई दिल्ली, 17 अगस्त: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल में निधन हुआ। गुरुवार शाम 5: 05 मिनट पर दिल्ली के एम्स में उनका निधन हुआ। अटल बिहारी के निधन से पूरा देश आज सदमे में है, हर कोई शोक में डूबा है। शुक्रवार की शाम स्मृति स्थल राजघाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अटल बिहारी वाजपेयी देश के ऐसे राजनेता थे, जिनका सम्मान उनके विरोधी भी करते थे। अटल बिहारी वाजपेयी के भाषण हमेशा इतने मजेदार होते थे कि जनता उनकी दीवानी हो जाती है।
अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसी शख्सियत थे, जो किसी को अपने से छोटा नहीं समझते थे। वह इतने सहज और सरल थे कि किसी को बात को जल्दी टालते भी नहीं थे। इसका पता इसी बात से चलता है कि महाराष्ट्र भाजपा के कार्यालय सचिव मुकुंद कुलकर्णी दिल्ली में 1996 में अपनी शादी में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदगी से अब भी अभिभूत हैं।
कुलकर्णी के मुताबिक, '' 26 जनवरी का दिन था। लोकसभा में विपक्ष के नेता अटलजी राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के कुछ वक्त बाद सुबह दस बजे शादी समारोह स्थल पहुंच गए।'' कुलकर्णी ने पीटीआई भाषा को बताया, 'मेरे जैसे भाजपा कार्यकर्ता की शादी में उनकी मौजूदगी ऐसा पल है जो मेरी यादों में हमेशा बसा रहेगा।'
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक जताते हुए भाजपा नेता ने बताया कि वाजपेयी जी को बताया गया कि ‘मुहूर्त’ का समय दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर है तो उन्होंने कहा कि समय कोई मसला नहीं है और वह तीन घंटे से ज्यादा समय तक वहां रहे और समारोह खत्म होने के बाद ही गए। उन्होंने कहा, ''अटलजी मेरी मां और परिवार के अन्य सदस्यों समेत सब से मिले।''
राज्य भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि उन्हें वाजपेयी के साथ मराठी फिल्म ‘श्वास’ देखने का मौका मिला। यह फिल्म 2004 में ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी।वाजपेयी ने चुनाव प्रचार से वक्त निकालकर अक्टूबर 2004 में मुंबई में एक विशेष स्क्रीनिंग में फिल्म देखी थी।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश ग्वालियर में हुआ था। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में वह जेल गये। युवावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े गये। आजादी के बाद 1957 में लोक सभा चुनाव जीतकर संसद पहुँचे।
1977 में जनता पार्टी सरकार में देश के विदेश मंत्री रहे। 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने हालाँकि 13 दिनों बाद ही उनकी सरकार गिर गयी। 1998 में दोबारा पीएम बने लेकिन 13 महीनों बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा। अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी पीएम बने।
साल 2004 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ी लेकिन उसे हार मिली। साल 2005 में खराब स्वास्थ्य के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। अपने छह दशक लम्बे राजनीतिक जीवन में अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोक सभा सांसद और दो बार राज्य सभा सांसद रहे। साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। लम्बी बीमारी के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया।
(भाषा इनपुट)