पाक से आठ ड्रोन के माध्यम से भेजे गए 80 KG हथियार और गोला-बारूद, पंजाब-कश्मीर में बड़े हमले की थी तैयारी
By रामदीप मिश्रा | Published: September 25, 2019 08:39 AM2019-09-25T08:39:42+5:302019-09-25T10:19:47+5:30
पंजाब से 22 सितंबर को पकड़े गए पांच आतंकियों से लगातार कई एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं, जिनमें पंजाब पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां, सीमा सुरक्षा बल और भारतीय वायु सेना शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लगातार सीमा पार से सूबे में आतंक फैलाने की साजिश रची जा रही है। अब नई जानकारी सामने आई है कि अभी हाल ही में पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन के माध्यम से हथियारों और गोला बारूद का वजन करीब 80 किलो था और यह वजन कम से कम आठ ड्रोनों के माध्यम से नौ सितंबर और सितंबर के बीच भेजे गए थे।
यह पूरी खेप पाकिस्तान स्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेफ) नेटवर्क का उपयोग करते हुए पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा गुप्त रूप से जर्मनी और लाहौर के माध्यम से की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमले को अंजाम देना था।
22 सितंबर को पकड़े गए पांच आतंकियों से लगातार कई एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं, जिनमें पंजाब पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां, सीमा सुरक्षा बल और भारतीय वायु सेना शामिल हैं। प्रथम दृष्ट्या जांच में पाया गया है कि जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया है वो चीन के हैं और एक ड्रोन से 10 किलो हथियार और बारूद लाए गए।
खबरों के अनुसार, जांच में पता चला है कि ड्रोन पाकिस्तान के अंदर 2 किमी के स्थानों से भेजे गए और 2,000 फीट की ऊंचाई पर पांच किलोमीटर की दूरी तय करना बताया गया और फिर 1200 फीट नीचे उतारने के बाद हथियारों को गिरा दिया।
बता दें पंजाब के तरन तारन जिले के चोला साहिब गांव से आतंकवादी मॉड्यूल के पांच आतंकी रविवार को गिरफ्तार किये गए थे। अनुसंधान के दौरान यह बात सामने आयी थी कि पाकिस्तान के ड्रोन का इस्तेमाल कर हथियारों और कम्युनिकेशन हार्डवेयर गिराये गए थे। पांच एके 47 राइफल, 16 मैग्जीन और 472 चक्र कारतूस, चीन में निर्मित .30 बोर की चार पिस्तौल, आठ मैग्जीन और 72 चक्र कारतूस, नौ हथगोले, पांच सेटेलाइट फोन तथा उनके अन्य उपकरण, दो मोबाइल फोन, दो वायरलेस सेट तथा दस लाख रुपये मूल्य के जाली नोट बरामद किये गए थे।
पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान और जर्मनी आधारित केजेएफ के आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने का रविवार को दावा किया था। आतंकी समूह पंजाब और आसपास के राज्यों में हमले की एक श्रृंखला शुरू करने की साजिश कर रहा है। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि सीमा पार से हथियारों एवं कम्युनिकेशन हार्डवेयर की अपूर्ति के लिए ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इधर, सीमा पार से ड्रोन के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति कराये जाने के पंजाब पुलिस के खुलासे के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद यह पाकिस्तान के नापाक मंसूबे का यह नया और भयावह आयाम है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से ‘‘ड्रोन समस्या’’ से जल्द निपटने का आग्रह किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री ने रविवार को केंद्र को आगाह किया था कि वह वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल को सीमा पार से हथियारों की आपूर्ति के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की आशंका के बारे में सूचित करें और उन्हें आवश्यक जवाबी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दें।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने कहा था कि इस बात की आशंका है कि इन हथियारों की आपूर्ति हाल ही में सीमा पार से आईएसआई, सरकार समर्थित जिहादी और इसके इशारे पर काम कर रहे खालिस्तान आतंकवादी समर्थकों ने करवाया है। राज्य सरकार ने मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का निर्णय किया है।