COVID 19: जमीनी स्तर पर ट्रक चालकों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना, 9 करोड़ रुपये मूल्य के फल सब्जियां खराब

By भाषा | Updated: May 11, 2020 05:45 IST2020-05-11T05:45:42+5:302020-05-11T05:45:42+5:30

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अनुसार चालकों के साथ बदसलूकी और दुर्व्यवहार के मामले असम, बिहार, पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों में देखे जा रहे हैं। संगठन ने कहा है कि ‘कोरोना योद्धाओं’ के साथ अगर इस प्रकार का अमानवीय आचरण किया जाएगा, इससे आपूर्ति बाधित होगी।

At ground level, drivers have to face difficulties, fruits vegetables worth Rs 9 crore are spoiled | COVID 19: जमीनी स्तर पर ट्रक चालकों को करना पड़ रहा मुश्किलों का सामना, 9 करोड़ रुपये मूल्य के फल सब्जियां खराब

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsजरूरी सामानों की ढुलाई में लगे ट्रक चालकों को जमीनी स्तर पर अत्यधिक प्रवेश शुल्क, बदसलूकी समेत अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।कुछ राज्यों की सीमाओं पर बहुत अधिक प्रवेश शुल्क और पुलिस की कार्रवाई के कारण 300 ट्रकों में लदे 9 करोड़ रुपये मूल्य के फल एवं सब्जियां खराब हो गयी हैं।

जरूरी सामानों की ढुलाई में लगे ट्रक चालकों को जमीनी स्तर पर अत्यधिक प्रवेश शुल्क, बदसलूकी समेत अन्य मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ राज्यों की सीमाओं पर बहुत अधिक प्रवेश शुल्क और पुलिस की कार्रवाई के कारण 300 ट्रकों में लदे 9 करोड़ रुपये मूल्य के फल एवं सब्जियां खराब हो गयी हैं।

गृह मंत्रालय की तरफ से ट्रांसपोर्टरों के लिये जारी दिशानिर्देशों के बावजूद कई ट्रक चालकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए ट्रक चालकों के संगठन ने आपूर्ति बाधित होने को लेकर आगाह किया है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अनुसार चालकों के साथ बदसलूकी और दुर्व्यवहार के मामले असम, बिहार, पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों में देखे जा रहे हैं। संगठन ने कहा है कि ‘कोरोना योद्धाओं’ के साथ अगर इस प्रकार का अमानवीय आचरण किया जाएगा, इससे आपूर्ति बाधित होगी।

संगठन के अनुसार गृह मंत्रालय के जरूरी सामानों की सुचारू आपूर्ति सुनिचित करने के आदेश के बावजूद जमीनी स्तर पर स्थिति खराब होती जा रही है। अगर सरकार हस्तक्षेप करने में विफल रहती है, ट्रकों को चलाना मुश्किल होगा। एआईएमटीसी 95 लाख ट्रक चालकों और इकाइयों का प्रतिनिधित्व करता है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष कुलतरण सिंह अटवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘फल और सब्जी लेकर दिल्ली जा रहे करीब 300 वाहनों को शनिवार को बेहरोड (राजस्थान) में 4-5 घंटे के लिये रोका गया। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें आगे जाने की अनुमति दी गयी। लेकिन बाद में उन्हें फिर शाहजहांपुर सीमा (राजस्थान) पर रोक दिया गया। पुलिस ने चालकों पर लाठियां चलायी और कुछ वाहनों के शीशे तोड़ दिये और उन्हें वापस राजस्थान जाने को कहा।’’

अटवाल ने कहा कि एआईएमटीसी के देर रात प्रयासों के बावजूद पुलिसकर्मियों ने वाहनों को वापस भेज दिया। इससे करोड़ों रुपये मूल्य के फल और सब्जी खराब हो गये तथा ट्रांसपोर्टरों को अच्छा-खासा नुकसान उठाना पड़ा।

एआईएमटीस के महासचिव नवीन गुप्ता ने कहा, ‘‘अगर एक ट्रक में मोटे तौर पर तीन लाख रुपये मूल्य के ही फल और सब्जी को माना जाए तो 300 ट्रकों में लगभग 9 करोड़ रुपये मूल्य के फल और सब्जी खराब हो गये। इन ट्रकों को जबरन रोका गया और वापस भेज दिया गया।’’

उन्होंने कहा कि यह केवल एक बानगी है और इसी प्रकार की घटनाएं दूसरे राज्यों में हो रही हैं तथा स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। गुप्ता ने कहा कि कुल ट्रकों में से केवल 30 प्रतिशत सरकार की अनुमति से वस्तुओं की ढुलाई के लिये सड़कों पर हैं। लेकिन अगर मामले में हस्तक्षेप नहीं किया गया, चालकों की कमी होगी और जरूरी सामानों की आपूर्ति बाधित हो सकती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में चालक एआईएमटीसी से संपर्क कर अवैध तरीके से वसूली की शिकायत कर रहे हैं। राज्य में प्रवेश के लिये चालकों से 800 से 3,000 रुपये तक अवैध तरीके से मांगे जा रहे हैं।

एआईएमटीसी के अनुसार मिजोरम से भी इस प्रकार की घटना की खबर है। चार ट्रक बीएसएनएल के लिये सामान ले जा रहे थे लेकिन उन्हें बैरिंग बोर्डर पर रोक दिया गया। संगठन के अधिकारियों ने यह भी कहा कि गृह मंत्रालय से पुलिस नियंत्रण कक्ष के जो नंबर दिये गये हैं, उससे भी कोई मदद नहीं मिल रही।

एआईएमटीसी ने कहा कि इस क्षेत्र से 20 करोड़ से अधिक लोग सीधे या परोक्ष रूपसे जुड़े हैं। संगठन ने इन लोगों की मदद के लिये राहत पैकेज की मांग की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि वह ‘लॉकडाउन’ (बंद) के दौरान सामानें की आपूर्ति में लगे चालकों और ट्रांसपोर्टरों की शिकायतों के त्वरित निपटान सुनिश्चित करने के लिये गंभीर है। मंत्रालय ने गृह मंत्रालय द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्षों में राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को तैनात करनेका निर्णय किया था।

Web Title: At ground level, drivers have to face difficulties, fruits vegetables worth Rs 9 crore are spoiled

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