असम, नगालैंड ने दो स्थानों पर तनाव कम करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

By भाषा | Updated: July 31, 2021 19:25 IST2021-07-31T19:25:01+5:302021-07-31T19:25:01+5:30

Assam, Nagaland sign agreement to de-escalate tensions at two places | असम, नगालैंड ने दो स्थानों पर तनाव कम करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

असम, नगालैंड ने दो स्थानों पर तनाव कम करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

दीमापुर/गुवाहाटी, 31 जुलाई असम और नगालैंड के मुख्य सचिवों ने देसोई घाटी जंगल/सुरंगकोंग घाटी में दो स्थानों पर जारी तनाव को कम करने के लिए शनिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत अगले 24 घंटों के भीतर सुरक्षाबलों को एक साथ वापस बुलाया जाएगा।

नगालैंड के उपमुख्यमंत्री वाई पैटन और असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु की उपस्थिति में असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और नगालैंड के उनके समकक्ष जे आलम के बीच दीमापुर में एक बैठक के बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि नगालैंड के एओ सेंडेन और विकुतो गांव के आसपास के क्षेत्रों में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए तत्काल व प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि नगालैंड और असम के सुरक्षाबलों के बीच गतिरोध को दूर किया जा सके। इन गांवों को असम में क्रमश: जानखोना नाला/नागजंखा एवं कम्पार्टमेंट नं. 12 नाम से जाना जाता है।

समझौते के अनुसार, ''इस संबंध में, यह निर्णय लिया गया है कि दोनों राज्यों के सुरक्षाकर्मी एक साथ अपने वर्तमान स्थानों से अपने-अपने आधार शिविरों में वापस चले जाएंगे। सुरक्षाकर्मियों की एक साथ वापसी तुरंत शुरू होगी और अगले 24 घंटों में जितनी जल्दी संभव हो, पूरी की जाएगी।''

नगालैंड और असम यथास्थिति बनाए रखने के लिए ड्रोन और उपग्रह तस्वीरों का उपयोग कर क्षेत्र की निगरानी रखेंगे।

बैठक में यह निर्णय भी किया गया कि मोकोकचुंग (नगालैंड) और जोरहाट (असम) जिलों के पुलिस अधीक्षक अपने-अपने बलों की व्यवस्थित वापसी सुनिश्चित करेंगे तथा इसके लिए जिम्मेदार होंगे।

पैटन ने बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को बताया कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने 24 और 25 जुलाई को शिलांग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा की थी और सुरक्षाबलों को वापस बुलाए जाने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई गई थी। उसी के अनुसार शनिवार को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

उन्होंने कहा कि केवल विशेष क्षेत्र पर चर्चा की गई। अंतरराज्यीय सीमा पर अन्य क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर बाद में चर्चा की जाएगी।

नगालैंड के यात्रियों को पड़ोसी राज्य में प्रवेश करते समय समस्याएं होने के मुद्दे पर पैटन ने कहा कि असम सरकार नगालैंड से आने वाले यात्रियों को रोकने या उनकी जांच नहीं करने पर सहमत हुई है।

असम के शिक्षा मंत्री ने सीमा मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री और दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सराहना की तथा आशा व्यक्त की कि दोनों राज्यों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बने रहेंगे।

उन्होंने कहा, '' विभिन्न राज्यों के साथ हमारे काफी समय से लंबित सीमा विवाद हैं, लेकिन विवादों के बावजूद, हम सीमा पर शांति बनाए रखते हैं। हम सीमा को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यत: सरकार पर निर्भर हैं और मैं शांति बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों के लोगों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों को भी धन्यवाद देता हूं।''

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम-नगालैंड सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में, दोनों मुख्य सचिवों ने राज्यों के बलों को सीमावर्ती स्थानों से अपने-अपने आधार शिविरों में तुरंत वापस बुलाने के लिए एक समझौता किया है।

सरमा ने ट्वीट किया, ''यह हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम है। सीमा पर शांति बहाल करने में असम के साथ काम करने के लिए नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो का आभार।''

उन्होंने कहा कि असम अपनी सभी सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और पूर्वोत्तर क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि के लिए प्रयासरत है।

असम का सबसे लंबा सीमा विवाद नगालैंड के साथ है, जो 1963 में राज्य की स्थापना के बाद से शुरू हुआ था।

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Web Title: Assam, Nagaland sign agreement to de-escalate tensions at two places

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