असम: राज्यपाल जगदीश मुखी ने लांच किया 'बोडोलैंड सुपर 50 मिशन', जानें स्टूडेंट्स को क्या होगा फायदा
By मनाली रस्तोगी | Published: February 16, 2022 11:44 AM2022-02-16T11:44:12+5:302022-02-16T11:49:00+5:30
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने बोडोलैंड सुपर 50 मिशन लांच किया। ये मिशन बोडो युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए बीटीआर प्रमुख प्रमोद बोरो की एक पहल है।
गुवाहाटी:असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने मंगलवार को बोडोलैंड सुपर 50 मिशन लांच किया। बता दें कि ये मिशन बोडो युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने के लिए बीटीआर प्रमुख प्रमोद बोरो की एक पहल है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) प्रोजेक्ट को लेकर प्रशासन का उद्देश्य असम के पांच बोडो बहुल जिलों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से आने वाले इंजीनियरिंग उम्मीदवारों के जीवन को बदलना है।
यह पहल बिहार में आनंद कुमार के सुपर 30, ऑयल इंडिया सुपर 30, ओएनजीसी सुपर 30 और तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसाइटी (TSWREIS) जैसी ही है, जिसमें स्टूडेंट्स के जीवन को पढ़ाई के माध्यम से बदलने की कोशिश की जाती है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने बोडोलैंड सुपर 50 मिशन को एक समारोह में लांच करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने कहा, "अगर हमें बोडोलैंड के विकास के बारे में सोचना है, तो हमें आत्मनिर्भर होना होगा।" वहीं, बीटीआर प्रमुख प्रमोद बोरो ने राज्यपाल को इसका दौरा करने और कार्यक्रम शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया।
बताते चलें कि बोडोलैंड सुपर 50 मिशन बीटीआर के उन स्टूडेंट्स को 11 महीने का उच्च गुणवत्ता वाला मुफ्त आवासीय कोचिंग और परामर्श कार्यक्रम प्रदान करने की भी योजना बना रहा है जो आईआईटी, एनआईटी और शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के इच्छुक हैं। जानकारी के अनुअर, हर साल कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 50 उम्मीदवारों (बक्सा, चिरांग, कोकराझार, तामुलपुर और उदलगुरी के प्रत्येक जिले से 10 उम्मीदवार) को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। मालूम हो, बीटीआर असम के बोडो बहुल क्षेत्रों के लिए संविधान की छठी अनुसूची के तहत बनाई गई एक निर्वाचित स्वायत्त निकाय है।