गुरुवार को असम के 12 विधायकों ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की और कहा कि पीएम मोदी का समझाएं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद राज्य में हालात बिगड़ गए हैं। विधायकों ने यह भी कहा कि सोनोवाल साफ तौर पर बताएं कि राज्य सरकार असमियों की भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए क्या योजना बना रही है।
बीजेपी विधायक पद्म हजारिका ने कहा, 'हमने सीएम सोनोवाल से अपील की है कि असम के लोगों के सेफगॉर्ड के लिए योजना की स्पष्टता के साथ आएं। हमने यह भी कहा कि पीएम मोदी से मुलाकात कर इस स्थिति का समाधान निकालिए। असम के लोग डरे हुए हैं वैसे ही हम भी। प्रदर्शन शुरू होने के बाद हम आठ दिनों से अपने घरों से बाहर नहीं निकले हैं।
विधायकों ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून पार्टी की पॉलिसी है वो उसके खिलाफ नहीं जा सकते। लेकिन असम के लोगों की भाषा और संस्कृति की सुरक्षा के और भी रास्ते हो सकते हैं। हजारिका ने कहा कि मुझे पता था कि सीएए पार्टी का एजेंडा है इसके बावजूद ज्वॉइन किया था। अब मुझे इस मुद्दे को नकारने का नैतिक साहस नहीं है। अगर मेरे पार्टी छोड़ने से ये कानून वापस लिया जाता है तो मैं तैयार हूं।
असम अपने इतिहास में जनता के भीषणतम हिंसक प्रदर्शनों में से एक से गुजर रहा है। वहां तीन रेलवे स्टेशनों,एक डाकघर, एक बैंक, एक बैंक टर्मिनस, दुकानों, दर्जनों वाहन और कई अन्य सरकारी संपत्तियां को जला दिया गया या उनमें तोड़फोड़ की गयी।