कौन सा कानून औपचारिक विवाह से इतर पैदा हुए बच्चों को वैधता प्रदान करता है, उच्चतम न्यायालय ने पूछा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 24, 2024 03:25 PM2024-02-24T15:25:17+5:302024-02-24T15:25:59+5:30

पीठ ने सरोगेसी नियम 2022 में संशोधन करने वाली केंद्र सरकार की 21 फरवरी की अधिसूचना के मद्देनजर कई याचिकाओं का निपटारा किया, जिसमें विवाहित दंपति में किसी एक के किसी चिकित्सीय स्थिति से ग्रस्त होने की स्थिति में दाता के अंडे या शुक्राणु का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी।

asks Supreme Court Which law provides legitimacy to children born outside formal marriage Whetherchild is born after legal separation of husband wife from an illegal marriage | कौन सा कानून औपचारिक विवाह से इतर पैदा हुए बच्चों को वैधता प्रदान करता है, उच्चतम न्यायालय ने पूछा

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Highlightsपति-पत्नी कानूनी रूप से अलग हो चुके हों या फिर विवाह गैर कानूनी तरीके से हुआ हो। विवाह समारोह से इतर कोई दूसरा विवाह औपचारिक समारोह नहीं कहला सकता।सरोगेसी प्रावधानों का लाभ उठाने के लिए विवाह संस्था के भीतर गर्भधारण का प्रयास करना होगा।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि कौन सा कानून औपचारिक विवाह से इतर पैदा हुए बच्चों को वैधता प्रदान करता है, फिर चाहे बच्चा, पति-पत्नी के कानूनी रूप से अलग होने के बाद पैदा हुआ हो या फिर गैरकानूनी तरीके से हुई शादी से। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सरोगेसी (विनियमन) नियम, 2022 और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) (एआरटी) अधिनियम 2021 के विभिन्न प्रावधानों व नियमों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह जानना चाहा कि कौन सा मौजूदा कानून औपचारिक विवाह से इतर जन्मे बच्चों को वैधता प्रदान करता है। पीठ ने सरोगेसी नियम 2022 में संशोधन करने वाली केंद्र सरकार की 21 फरवरी की अधिसूचना के मद्देनजर कई याचिकाओं का निपटारा किया, जिसमें विवाहित दंपति में किसी एक के किसी चिकित्सीय स्थिति से ग्रस्त होने की स्थिति में दाता के अंडे या शुक्राणु का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी।

पीठ ने कहा, ''ऐसा कौन सा कानून है, जो औपचारिक विवाह से इतर पैदा हुए बच्चों को वैधता प्रदान करता है फिर चाहे पति-पत्नी कानूनी रूप से अलग हो चुके हों या फिर विवाह गैर कानूनी तरीके से हुआ हो। विवाह समारोह से इतर कोई दूसरा विवाह औपचारिक समारोह नहीं कहला सकता।''

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने केंद्र की ओर से पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और सरोगेसी नियमों के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता से पूछा, ''कृपया हमें बताएं कि वह कौन सा कानून है जो बच्चे को वैधता प्रदान करता है।'' उन्होंने कहा कि सरोगेसी प्रावधानों का लाभ उठाने के लिए विवाह संस्था के भीतर गर्भधारण का प्रयास करना होगा।

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, ''हम खुले विचारों वाले हैं लेकिन हम बता रहे हैं कि आखिर यह है क्या। हमारे इस तथ्य का आधार क्या है, हम इस बात पर जोर दे रहे हैं। विवाह के बाद गर्भधारण से जन्मे बच्चे को ही वैध माना जाता है। यहां तक ​​कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 16 के मामले में भी शादीशुदा होना जरूरी है।'' 

Web Title: asks Supreme Court Which law provides legitimacy to children born outside formal marriage Whetherchild is born after legal separation of husband wife from an illegal marriage

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