पटना: सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया गया है। बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने आज पटना के कोतवाली थाने में दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। उन्होंने पटना के कोतवाली थाने में साहित्यकार के खिलाफ एक खास समुदाय की भावना आहत करने का आरोप लगाया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने थानाध्यक्ष से आइपीसी की विभिन्न धाराओं और आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का अनुरोध किया है। भाजपा के कार्यालय प्रभारी ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि दया प्रकाश सिन्हा ने भाजपा पार्टी का गलत इस्तेमाल किया है। इसी को लेकर भाजपा ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया है। डॉ. जायसवाल ने बताया कि दया प्रकाश सिन्हा ना तो पहले भाजपा मे थे और ना ही आज हैं। भाजपा में तो कल्चरल सेल भी नहीं है।
उन्होंने बताया कि गलत बयानबाजी को लेकर केस दर्ज कराया गया है। सम्राट अशोक को लेकर दया प्रकाश सिन्हा ने बयान देकर भाजपा को बदनाम करने का काम किया है। इस मामले में बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ. जायसवाल, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और बिहार के मंत्री सम्राट चौधरी समेत कई नेता विरोध जता चुके हैं। डॉ. जायसवाल ने कहा था कि जो सम्राट अशोक के नहीं हैं वो भगवान राम के भी नहीं हो सकते।
उधर, ललन सिंह तो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से दया प्रकाश सिन्हा को दिया पद्म और अन्य पुरस्कार वापस लेने की मांग कर चुके हैं। जबकि मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्राट अशोक के नाम से डाक टिकट जारी किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांधी मैदान के नजदीक उनके नाम पर कन्वेंशन हाल बनवाया है।
अशोक के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सम्राट अशोक के लिए अभद्रतापूर्वक अपशब्दों का इस्तेमाल निंदनीय है। पार्टी और सरकार उस व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करे। यहां बता दें कि दया प्रकाश सिन्हा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी, लेखक और नाटककार हैं।
वे संघ से जुड़े साहित्यकार भी हैं और वर्तमान में भाजपा की कल्चरल सेल के राष्ट्रीय संचालक बताए जा रहे हैं। वे इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशन के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के चलते भारत सरकार ने 2020 में पद्मश्री से भी नवाजा गया था। हाल ही में उन्हें अपने नाटक 'सम्राट अशोक' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
उन्होंने सम्राट अशोक पर जो नाटक लिखा है, उसमें सम्राट अशोक को औरंगजेब की तरह क्रूर शासक बताया गया है। यह कहा गया है कि अशोक ने अपनी खामियों को छिपाने के लिए धन का उपयोग धार्मिक कार्यों में किया। उन्होंने भाइयों की हत्या की थी। पिता को कारावास में डाल दिया था। उन्होंने लिखा कि सम्राट अशोक बेहद बदसूरत और कामुक थे। दूसरों को शोक में देखकर खुश होते थे, इसलिए सम्राट अशोक को चंडाशोक एवं कामाशोक भी कहा जाता था।