जयपुर: राजस्थान विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) की ओर से खारिज होने के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot) ने सोमवार को कहा है कि उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। गहलोत ने सोमवार को कहा कि उन्होंने 'गवर्नर के व्यवहार को लेकर कल PM से बात' की है। गहलोत ने कहा कि 'मैंने पीएम मोदी से गवर्नर के बर्ताव को लेकर फोन पर बात की। सात दिन पहले जो लेटर लिखा था, उसे लेकर भी बात की।'
मालूम हो कि राजस्थान में कांग्रेस के बीच जारी घमासान के साथ-साथ अशोक गहलोत सरकार और राजभवन में भी टकराव खुलकर नजर आने लगा है। मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अशोक गहलोत सरकार की विधानसभा सत्र बुलाने से जुड़ी फाइल को लौटा दिया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राजभवन ने फाइल लौटाने के साथ-साथ कुछ और जानकारी भी राज्य सरकार से मांगी है। दरअसल राज्य में सरकार बचाने की चुनौती का सामना कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल ने 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को संशोधित प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव में राजस्थान सरकार ने विधानसभा में कोरोना पर चर्चा की बात कही थी। सूत्रों के अनुसार फ्लोर टेस्ट का इसमें जिक्र नहीं था।
उधर, राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के तीन पूर्व कानून मंत्रियों सलमान खुर्शीद, अश्विनी कुमार और कपिल सिब्बल ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर पत्र लिखा है और कहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाने में देरी करना, टाल सकने योग्य संवैधानिक गतिरोध के रूप में सामने आया है। बता दें कि सलमान खुर्शीद, अश्विनी कुमार और कपिल सिब्बल यूपीए 1 और यूपीए 2 के दौरान केंद्र में कानून मंत्री रह चुके हैं। पत्र में सलमान खुर्शीद, अश्विनी कुमार और कपिल सिब्बल ने कहा, "राज्यपाल विधानसभा का सत्र बुलाने में मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करने के लिए बाध्य हैं। वर्तमान परिस्थितियों में संवैधानिक स्थिति से कोई भी विचलन आपके कार्यालय का एक परिहार्य निषेध होगा और यह राज्य में एक संवैधानिक संकट पैदा करेगा।"
बता दें कि सचिन पायलट समेत 19 कांग्रेसी विधायकों द्वारा बागी तेवर अपना लिए जाने के बाद से गहलोत सरकार अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। इसी के मद्देनजर गहलोत राज्यपाल पर विधानसभा में बहुमत साबित करने का मौका देने के लिये दबाव बना रहे है। वहीं, कांग्रेस का आरोप है कि विधानसभा का सत्र बुलाने की सरकार की मांग है लेकिन केंद्र के कथित इशारे पर इसमें देरी की जा रही है।
राजभवन में पिछले हफ्ते विधायकों ने दिया था धरना
सचिन पायलट गुट के बगावती होने और राजस्थान हाई कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अशोक गहलोत पिछले ही हफ्ते से विधानसभा सत्र बुलाने की जोर-आजमाइश कर रहे हैं। वे कई बार राज्यपाल से इस संबंध में मिल भी चुके हैं। पिछले हफ्ते शुक्रवार को वे अपने सभी समर्थक विधायकों के साथ राजभवन भी पहुंचे थे।
राजभवन में कांग्रेस विधायकों ने पांच घंटे तक धरना भी दिया था। बाद में धरना खत्म हो गया था लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वह संविधान के अनुसार चलेंगे न कि दबाव में आयेंगे। मिश्र ने गहलोत से स्पष्टीकरण के साथ दोबारा प्रस्ताव भेजने को कहा था। वहीं, गहलोत का आरोप है कि सरकार विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन मौका नहीं दिया जा रहा है।