जयपुर:राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर धर्म पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति देश के लिए अच्छी नहीं है। उन्होंने आगे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का प्रचारक इस देश का पीएम है।
गहलोत ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस की राय और विचारधारा एक जैसी है तो दोनों पार्टियों का विलय क्यों नहीं हो जाता। गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उनके अनुरोध के बावजूद राजस्थान में दंगों के मामलों की जांच का आदेश नहीं देने के लिए भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "वह (शाह) दंगों के मामलों की जांच का आदेश देने का साहस क्यों नहीं दिखाते हैं ताकि भविष्य में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को रोका जा सके।" राजस्थान के सीएम ने आरोप लगाया कि सभी आरोपी (हाल के दंगों के मामलों में) आरएसएस और भाजपा से हैं, इटली से नहीं।
भाजपा पर हमला करते हुए गहलोत ने कहा कि यह समझना होगा कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं से किस राजनीतिक दल को फायदा हो रहा है। दंगा मामलों की जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस दंगों में शामिल नहीं है। हाल ही में राजस्थान में जोधपुर और करौली में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं देखी गईं।
गहलोत के गृहनगर जोधपुर में भी ईद से कुछ घंटे पहले हिंसा हुई। जालोरी गेट सर्कल पर इस्लामिक झंडे लगाने को लेकर जोधुर में हिंसा भड़क गई। गहलोत ने अमित शाह से ऐसी समितियों का गठन करने को कहा जिनकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश कर सकते हैं, जो रामनवमी, जनुमान जयंती के जुलूसों के दौरान करौली, जोधपुर और अन्य राज्यों में हुई हिंसा की जांच कर सकें।
बताते चलें कि रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर कई राज्यों से सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं सामने आईं। दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक से हिंसा और आगजनी की कई घटनाएं सामने आई हैं।5 मई को भाजपा ने अपनी 'हुंकार रैली' का आयोजन किया और राजस्थान में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर सांप्रदायिक हिंसा सहित कई मुद्दों पर हमला किया।