नई दिल्ली: सचिन पायलट के साथ तरह-तरह के कयास लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि मैंने अपने जीवन में कभी भी कांग्रेस में ऐसी परंपरा नहीं देखी कि कोई नेता कुछ मांगे या आलाकमान उससे पूछे कि उसे कौन सा पद चाहिए...आलाकमान और कांग्रेस पार्टी इतनी मजबूत है कि ऐसी स्थिति पैदा ही नहीं होगी कि आप एक प्रस्ताव दे रहे हैं किसी को शांत करना।
उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा न कभी हुआ है, न कभी होगा। बता दें कि पायलट ने हाल ही में एक 'अल्टीमेटम' दिया था कि अगर राज्य सरकार से की गई उनकी तीन मांगों को इस महीने के अंत तक पूरा नहीं किया गया तो वह राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। पायलट की एक मांग है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
पीटीआई ने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि राज्य के सभी नेताओं के साथ कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक 26 मई को होनी थी, लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आलाकमान गहलोत और पायलट को एक मंच पर लाने के लिए उनसे अलग-अलग मुलाकात करेगा।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक में सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार को भी साथ में लाने में सफलता मिली और पार्टी अब चाहती है कि राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले को अपनाया जाए।