अशोक गहलोत ने कहा, "न्यायपालिका में फैला है 'भ्रष्टाचार', जज वकील द्वारा तैयार किये फैसलों को पढ़ते हैं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 1, 2023 11:48 AM2023-09-01T11:48:20+5:302023-09-01T11:51:45+5:30

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा न्यायपालिका के प्रति की गई कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों से राजस्थान की सियासत में भारी बवाल खड़ा हो गया है।

Ashok Gehlot said, "'corruption' is spread in the judiciary, judges read the decisions prepared by the lawyers" | अशोक गहलोत ने कहा, "न्यायपालिका में फैला है 'भ्रष्टाचार', जज वकील द्वारा तैयार किये फैसलों को पढ़ते हैं"

फाइल फोटो

Highlightsमुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की न्यायपालिका के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी, मचा हंगामा गहलोत ने कहा कि न्यायपालिका में बहुत भ्रष्टाचार है, जज वकीलो के लिखे हुए फैसलों को पढ़ते हैं भाजपा ने मुख्यमंत्री गहलोत के बयान की आलोचना करते हुए उसे संवैधानिक ढांचे पर हमला बताया

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर ऐसा टिप्पणी की है, जिसके कारण विवाद पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री गहलोत की न्यायपालिका के प्रति की गई कुछ प्रतिकूल टिप्पणियों से भारी बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मेरा मानना ​​है कि न्यायपालिका में बहुत 'भ्रष्टाचार' व्याप्त है और ऐसे उदाहरण देखने को मिलते हैं, जहां जज वकीलों के तैयार किये गये फैसलों को पढ़ने का काम करते हैं।"

समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा न्यायपालिका के संबंध में की गई इस टिप्पणी पर राजस्थान में सियासी हंगामा मचा हुआ है। सूबे की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाया कि वो अपने बयान से संवैधानिक ढांचे पर हमला कर रहे हैं और न्यायपालिका को कमजोर करने का काम कर रहे हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के बयानों की बेहद तीखी निंदा करते हुए कहा कि वो हताशा हैं और उनके बयान में एक तरह की निराशा झलक रही है।

सीपी जोशी ने कहा, “अशोक गहलोत एक संवैधानिक पद पर हैं और ऐसे में वो जिस तरह से खुलेआम न्यायपालिका की आलोचना कर रहे हैं। उससे न केवल वो संविधान बल्कि देश के न्यायिक ढांचे पर सवाल खड़े कर रहे हैं और उसमें अपनी कमी को प्रदर्शित कर रहे हैं।”

विपक्षी दल भाजपा के अलावा राज्य में न्यायिक संस्था से जुड़े लोग भी इस बयान के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मुखर विरोध कर रहे हैं। बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष योगेन्द्र सिंह तंवर ने इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक औपचारिक शिकायत पत्र लिखते हुए कहा, “न्यायपालिका के भीतर व्यापक भ्रष्टाचार के गहलोत के सार्वजनिक आरोपों ने इसकी प्रतिष्ठा को गंभीर झटका दिया है। इस तरह के अपमानजनक बयान न केवल न्यायपालिका की छवि को खराब करते हैं बल्कि कानूनी प्रणाली के सुचारू कामकाज को भी बाधित करते हैं।”

योगेन्द्र सिंह तंवर ने चीफ जस्टिस को लिखे अपने पत्र को आपराधिक शिकायत के रूप में मानने की अपील करते हुए सीएम गहलोत के बयान की जांच करने और सख्त एक्शन लेने का आग्रह किया है।

इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न केवल न्यायपालिका को कटघरे में खड़ा किया है बल्कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ भाजपा विधायक कैलाश मेघवाल द्वारा लगाए गए आरोपों का हवाला देते हुए उस पर भी टिप्पणी की है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, “अर्जुन राम मेघवाल के बतौर आईएएस अधिकारी के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का संकेत देने वाली जानकारी सामने आई है, जिसे दबा दिया गया है। सरकार ने ऐसी शिकायतों का संज्ञान लिया है और उसे रोकने के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की है।”

Web Title: Ashok Gehlot said, "'corruption' is spread in the judiciary, judges read the decisions prepared by the lawyers"

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