नई दिल्लीः महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न, हिंसा के आंकड़ों को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए बयान पर भाजपा ने नाराजगी जाहिर करते हुए माफी मांगने की बात कही है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि पीड़ितों के साथ खड़े होने के बजाय सीएम 56 प्रतिशत महिलाओं को झूठा बता दिए। संबित पात्रा ने अशोक गहलोत से बयान को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है और कहा कि उन्हें माफी मांगना चाहिए।
महिलाओं के प्रति राज्य में हिंसा के आंकड़ों पर बयान देते हुए अशोक गहलोत ने बीते दिनों कहा था कि 'कौन बलात्कार करता है? ज्यादातर अपराधी लड़की के रिश्तेदार, परिचित और परिवार होते हैं।' सीएम ने यही भी कहा था कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 56% मामलों में झूठे आंकड़े हैं, झूठे मामले हैं। हमने कार्रवाई शुरू की है। झूठे मामले दर्ज करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए ताकि वे राज्य सरकार और पुलिस को बदनाम करने की हिम्मत ना करें।
राजस्थान सीएम के बयान पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि पीड़ितों के साथ खड़े होने और उनका मनोबल बढ़ाने के बजाय, अगर सीएम कहते हैं कि 56% महिलाएं झूठी हैं और उन्हें दंडित किया जाएगा, तो क्या महिलाएं मामले दर्ज करने के लिए पुलिस के पास जाएंगी? क्या वे सशक्त महसूस करेंगे? अशोक गहलोत से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए और उनसे माफी मांगने के लिए कहा जाना चाहिए।
उधर, अशोक गहलोत कहा कहना है कि एनसीआरबी 2021 की एक रिपोर्ट के बाद राजस्थान को ‘बदनाम’ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 व 2021 के बीच के आंकड़ों में तुलना करना उचित होगा क्योंकि 2020 में लॉकडाउन रहा। गहलोत ने एक बयान में कहा कि राजस्थान में हर मामले में प्राथमिकी दर्ज करना जरूरी है और इसके बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब पांच प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि मध्यप्रदेश हरियाणा, गुजरात और उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। उन्होंने दावा किया, “गुजरात में अपराधों में करीब 69 प्रतिशत, हरियाणा में 24 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हत्या, महिलाओं के विरुद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। सबसे अधिक हिरासत में मौत गुजरात में हुईं हैं। नाबालिगों से बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले स्थान पर है जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है।” गहलोत ने कहा, “यह हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का नतीजा है कि जहां 2017-18 में बलात्कार के मामलों की जांच में 274 दिन का समय लगता था जो अब केवल 68 दिन रह गया है। पॉक्सो के मामलों में जांच में औसत समय 2018 में 232 दिन था जो अब 66 दिन रह गया है।” उन्होंने कहा कि राजस्थान में पुलिस द्वारा हर अपराध के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है एवं सरकार पूरी तरह पीड़ित पक्ष के साथ खड़ी रहती है।