जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में जारी खींचतान और सचिन पायलट के बागी तेवरों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी कार्यकर्ताओं को नसीहत दी है। गहलोत ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अगला चुनाव कैसे जीता जाए और वे इसमें कैसे योगदान दे सकते हैं। गहलोत ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे पार्टी को नुकसान हो।
अशोक गहलोत ने राहुल गांधी की सजा और संसद सदस्यता रद्द होने पर भी बात की। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के बाद भाजपा ने तय किया कि उन्हें आगे क्या करना है। 4 साल बाद मोदी सरनेम मामले को फिर से खोलना एक साजिश का संकेत देता है।"
बता दें कि राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और सचिन पायलट अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हाल ही में पायलट ने प्रदेश में भ्रष्टाचार संबंधी मामलों पर कार्रवाई न होने के कारण अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन किया था। अनशन के बाद कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने अनशन (भूख हड़ताल) करके कोई पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं की। वसुंधरा राजे के शासन में उठे भ्रष्टाचार के मामलों के खिलाफ मैंने अनशन किया था। मैंने अपना दृष्टिकोण पार्टी के रख दिया है। मैं उन आरोपों को उठाने वाला अकेला नहीं हूं। मैंने केवल मामलों की जांच की मांग की है।
सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए कहा था कि राजनेताओं को वोट मांगते समय किए गए वादों को पूरा करना चाहिए। बता दें कि दोनों के बीच 2020 से टकराव चल रहा है। हालांकि पायलट के उपवास से कांग्रेस नेतृत्व खुश नहीं है। कांग्रेस नेतृत्व ने कहा कि दिन भर का उपवास "पार्टी के खिलाफ" था और इसे "पार्टी विरोधी गतिविधि" माना।
पायलट को अपने ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलेने के लिए नेतृत्व की तरफ से संदेश भी दे दिया गया है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने सूबे में प्रचार की अगुवाई करने के लिए 40 सदस्यी स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक की ओर से जारी की गई स्टार प्रचारकों की लिस्ट में कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, डीके शिकुमार, सिद्धारमैया, केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत तमाम नाम हैं लेकिन सचिन पायलट का नाम प्रचारकों की सूची से गायब है।
कर्नाटक के चुनाव में पार्टी द्वारा पायलट को दरकिनार किये जाना कोई सामान्य घटना नहीं मानी जा सकती है। कयास लग रहे हैं कि बीते दिनों सचिन पायलट ने जब भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ उपवास किया था तो उससे पार्टी आलाकमान बेहद नाराज है।