राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए विधानसभा में राज्य बजट पेश किया, जिसमें विभिन्न घोषणाएं तो हैं, लेकिन केन्द्र सरकार पर निशाना भी साधा गया है.सीएम गहलोत का बजट पेश करते हुए यह कहना था कि- राज्य की मालीहालत बहुत हद तक केंद्र की नीतिओं पर निर्भर है.
बजट भाषण की शुरुआत में सीएम अशोक गहलोत ने अपनी सरकार की प्राथमिकताएं तो बताई, लेकिन साथ ही आर्थिक मंदी का जिक्र करते हुए कहा कि- देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर रही है. हमारी राशि में कटौती की जा रही है. केंद्र सरकार एयर इंडिया, बीपीसीएल और एलआईसी में हिस्सेदारी कम करके घाटा कम कर रही है, जबकि प्रदेश के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है.
हालांकि, सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि बजट में हमने कोशिश की है कि विकास की राह बाधित नहीं हो.उन्होंने बीजेपी के वोट बैंक में दरार डालने वाली घोषणा भी की है कि- प्रदेश में राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड का गठन होगा. यह बोर्ड आर्थिक रूप से पिछड़ों के कल्याण के लिए काम करेगा.
इतना ही नहीं, सीएम गहलोत ने पालनहार योजना का दायरा बढ़ाने का ऐलान तो किया ही, प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर छात्रावास खोलने की बात भी कही है. उन्होंने अपने बजट में विद्यार्थियों और युवाओं के लिए कई घोषणाएं की हैं. स्कूलों में शनिवार को नो बैग-डे की घोषणा की, जिसके तहत शनिवार को स्कूलों में पढ़ाई की जगह पाठ्योत्तर गतिविधियां होंगी.
किसानों के लिए उन्होंने फेजवार सभी जिलों में दिन में बिजली देने की घोषणा की, इसके लिए अलग-अलग क्षमता के नए ग्रिड सब स्टेशन बनाए जाएंगे. बजट के अनुसार 3 साल में 2000 करोड़ रुपए खर्च करके प्रदेश भर में दिन के ब्लॉक में किसानों को बिजली दी जाएगी.