अशोक गहलोत ने भूपेश बघेल पर कोयला खनन की मंजूरी में देरी का आरोप लगाया, पत्र लिख सोनिया गांधी से की दखल देने की मांग

By विशाल कुमार | Updated: December 20, 2021 13:21 IST2021-12-20T13:17:50+5:302021-12-20T13:21:50+5:30

सोनिया गांधी को लिखे पत्र में अशोक गहलोत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्थान सरकार को आवंटित कोयला ब्लॉकों में खनन के लिए मंजूरी नहीं दी है।

ashok gehlot bhupesh baghel sonia gandhi congress coal mining permit | अशोक गहलोत ने भूपेश बघेल पर कोयला खनन की मंजूरी में देरी का आरोप लगाया, पत्र लिख सोनिया गांधी से की दखल देने की मांग

भूपेश बघेल और अशोक गहलोत. (फोटो: फेसबुक)

Highlightsअशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर भूपेश बघेल की शिकायत की है.भूपेश बघेल ने राजस्थान सरकार को आवंटित कोयला ब्लॉकों में खनन के लिए मंजूरी नहीं दी है।कोयलाखनन परमिट नहीं मिलने से 4340 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप हो सकता है।

जयपुर:राजस्थान की बिजली परियोजनाओं के लिए छत्तीसगढ़ स्थित ब्लॉक से कोयला उत्पादन को मंजूरी देने में तेजी लाने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सोनिया गांधी को लिखे पत्र में अशोक गहलोत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्थान सरकार को आवंटित कोयला ब्लॉकों में खनन के लिए मंजूरी नहीं दी है।

पत्र में गहलोत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राजस्थान को आवंटित परसा कोयला खदान में खनन परमिट नहीं मिलने से 4340 मेगावाट बिजली उत्पादन ठप हो सकता है।

बता दें कि, केंद्र सरकार ने राजस्थान को परसा पूर्व, कांटे एक्सटेंशन और सरगुजा में 1,136 हेक्टेयर की कोयला खदानें आवंटित की हैं। लेकिन पर्यावरण मंजूरी के दूसरे चरण के लागू होने के कारण राज्य की पंचायतों से अनुमति लेनी पड़ती है और इसके लिए राज्य सरकार (इस मामले में छत्तीसगढ़) को पहल करनी होगी।

गहलोत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगातार पत्र लिखने के बावजूद बघेल कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

कोयले की अनुपलब्धता के कारण, राजस्थान सरकार को राज्य में बिजली की कीमत 33 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिससे यह देश के सबसे महंगे बिजली विक्रेता में से एक बन गया।

दूसरी ओर, स्थानीय लोगों के विरोध के कारण छत्तीसगढ़ सरकार कथित तौर पर खदानों के लिए पर्यावरण मंजूरी देने में असमर्थ है।

सोनिया गांधी को पत्र लिखने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की एक रैली में सोनिया गांधी और भूपेश बघेल अशोक गहलोत के साथ बैठे थे, फिर उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं की।

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