सच्चे संतों और फ्राडों के बीच फर्क करे जनता, दुनिया में कराते हैं देश की बदनामी- अशोक गहलोत
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 25, 2018 12:55 PM2018-04-25T12:55:42+5:302018-04-25T12:55:42+5:30
जोधपुर की स्थानीय अदालत ने आसाराम बापू और उसके दो सहयोगियों को नाबालिग लड़की के बलात्कार का दोषी करार दिया है। आज शाम तक अदालत आसाराम को सजा सुना सकती है।
आसाराम बापू को नाबालिग लड़की से बलात्कार का दोषी पाए जाने पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा है कि जनता को असली संतों और फ्राडों के बीच अंतर करना सीखना चाहिए। अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसे फ्राड बाबाओं की वजह से दुनिया में भारत की छवि खराब होती है। आसाराम, शिल्पी और शरद को अदालत ने दोषी करार दिया है। आसाराम साल 2013 से ही जोधपुर सेंट्रल जेल में हैं। आसाराम ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कुल 12 बार जमानत हासिल करने की कोशिस की लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज हो गयी। मामले के तीन गवाहों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान हत्या कर दी गयी। छह गवाहों पर हमले हुए। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि ये हत्या और हमले आसाराम के लोगों ने किए और करवाए। आसाराम के प्रवक्ता इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं। जोधपुर की एससी-एसटी अदालत में दोषी ठहराए जाने के बाद आसाराम की सजा पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। अदालत आज शाम तक आसाराम को सजा सुना सकती है।
The time has come when people should be able to differentiate between the actual saints and the frauds, as this creates a bad image of the country in the international arena: Ashok Gehlot, Congress on #Asaram convicted in rape case pic.twitter.com/rTFZW3WgdT
— ANI (@ANI) April 25, 2018
15 अगस्त 2013 को जोधपुर स्थित मणाई गांव के पास फार्म हाउस में आसाराम बापू ने नाबालिग छात्रा का बलात्कार किया। 19 अगस्त 2013 को पीड़िता और उसके माता-पिता ने नई दिल्ली के कमला नगर पुलिस स्टेशन में आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। 19 अगस्त 2013 को पुलिस ने 1 बजकर 5 मिनट पर पीड़िता का मेडिकल कराया। इसके बाद उसी दिन मामला दर्ज किया गया। 20 अगस्त 2013 को धारा 164 के अंतर्गत पीड़िता के बयान दर्ज किया गया। जिसके बाद दिल्ली के कमला नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज जीरो एफआईआर को जोधपुर ट्रान्सफर किया गया।
21 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद आसाराम के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 342, 376, 354 (ए), 506, 509 व 134 के तहत केस दर्ज हुआ। 31 अगस्त 2013 को केस दर्ज होने के बाद जोधपुर पुलिस की टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से आसाराम को गिरफ्तार किया। आसाराम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 8 और जेजेए की धारा 23 व 26 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। 6 नवम्बर 2013 को कोर्ट में पुलिस द्वारा आसाराम के खिलाफ चालान पेश किया गया। इसके बाद नवम्बर 29 को कोर्ट ने संज्ञान लिया। 13 फरवरी 2014 को मुख्य आरोपी आसाराम और सहआरोपी शिल्पी, शरद, प्रकाश के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किए।
19 मार्च 2014 से 6 अगस्त 2016 के बीच पीड़िता पक्ष ने 44 गवाहों की गवाही कराई और इसके अलावा कोर्ट में 160 दस्तावेज पेश किए गए। 4 अक्टूबर 2016 को जोधपुर कोर्ट में बलात्कार आरोपी आसाराम के बयान दर्ज किए गए। 22 नवम्बर 2016 से 11 अक्टूबर 2017 को इस दौरान में बचाव पक्ष ने अदालत के समक्ष 31 गवाही दर्ज कराई, और साथ में 225 दस्तावेज पेश किए। 7 अप्रैल 2018 को इस मामले में विशेष एससी-एसटी कोर्ट में बहस पूरी हो गई। अदालत ने 25 अप्रैल को आसाराम, शिल्पी और शरद को दोषी करार दिया। प्रकाश को अदालत ने बरी कर दिया।