नई दिल्ली: जयपुर में आयोजित कांग्रेस की 'महंगाई हटाओ महारैली' में राहुल गांधी के 'हिंदुओ में सत्ता में लाने' के बयान पर असद्दुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। ओवैसी ने आरोप लगाया कि राहुलऔर कांग्रेस ने हिंदुत्व के लिए जमीन तैयार किया और अब वे इस बहुसंख्यकवाद की फसल काटने की कोशिश कर रहे है।
ओवैसी ने ट्वीट किया, 'हिंदुओं को सत्ता में वापस लाना है, ये 2021 का सेकुलर एजेंडा है। वाह! भारत सभी भारतीयों का है। केवल हिंदुओं का नहीं है। भारत सभी तरह की आस्थाओं को मानने वाले लोगों का है और उनका भी, जिनकी किसी में आस्था नहीं है।'
हिंदु और हिंदुत्ववादी का फर्क बताते-बताते क्या बोले राहुल
दरअसल, राहुल गांधी ने रविवार को जयपुर में कांग्रेस की रैली में कहा कि वे हिंदू हैं पर हिंदुत्ववादी नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतवर्ष हिंदुओं का देश है, हिंदुत्ववादियों का नहीं।
हिंदू और हिंदुत्ववाद को दो अलग अलग शब्द बताते हुए राहुल ने कहा कि जिस तरह से दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, वैसे ही दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता क्योंकि हर शब्द का अलग मतलब होता है।
राहुल ने कहा, 'आज भारतीय राजनीति में दो दुनिया- हिंदू और हिंदुत्ववादी के बीच मुकाबला है। दोनों शब्दों के अलग-अलग मतलब हैं। मैं हिंदू हूं पर हिंदुत्ववादी नहीं हूं। महात्मा गांधी हिंदू थे पर नाथूराम गोडसे हिंदुत्ववादी था।'
'हिंदुत्वादियों को हटाकर हिंदुओं को सत्ता में लाना है'
राहुल ने कहा, 'चाहे कुछ भी हो जाए हिंदू सत्य को ढूंढता है। मर जाए, कट जाए, पिस जाए, हिंदू सच को ढूंढता है। उसका रास्ता सत्याग्रह का है। महात्मा गांधी ने आत्मकथा लिखी, पूरी जिंदगी उन्होंने सत्य को समझने के लिए बिता दी और अंत में एक हिंदुत्ववादी ने उनकी छाती में तीन गोली मारी।'
राहुल गांधी ने आगे कहा, 'हिंदुत्ववादी अपनी पूरी जिंदगी सत्ता पाने के लिए लगाता है। उसे बस सत्ता चाहिए और वह इसके लिए कुछ भी कर सकता है। उसका रास्ता सत्याग्रह नहीं 'सत्ताग्रह' है।'
भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि हिंदुत्ववादी हर हाल में सत्ता चाहते हैं और वे 2014 से सत्ता में हैं। राहुल ने कहा, 'हमें इन हिंदुत्ववादियों को सत्ता से उखाड़ फेंकने और हिंदूओं को वापस सत्ता में लाने की जरूरत है।' राहुल ने कहा, 'हिंदू कौन है? वह शख्स को सभी का सम्मान करता है। किसी से नहीं डरता है और हर धर्म का सम्मान करता है।'