असदुद्दीन ओवैसी ने FIR को लेकर दिल्ली पुलिस पर साधा निशाना, मोदी-योगी पर भी कसा तंज
By मनाली रस्तोगी | Published: June 9, 2022 05:51 PM2022-06-09T17:51:34+5:302022-06-09T17:52:22+5:30
दिल्ली पुलिस ने भाजपा के पूर्व प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विवादित संत यती नरसिंहानंद और अन्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट तथा साझा करने के लिए प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
हैदराबाद: कथित तौर पर भड़काऊ बयानबाजी को लेकर दिल्ली पुलिस ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। ऐसे में अब ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि वह इस तरह के हथकंडों से नहीं डरेंगे और एफआईआर में उनके अपराध का जिक्र नहीं है।
2. It appears that Delhi Police lacks the courage to pursue cases against Yati, Nupur Sharma & Naveen Jindal etc This is why the delayed & weak response
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 9, 2022
सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, "मुझे एफआईआर का एक अंश मिला है। यह पहली प्राथमिकी है जो मैंने देखी है जो यह निर्दिष्ट नहीं कर रही है कि अपराध क्या है। एक हत्या के बारे में एक प्राथमिकी की कल्पना करें जहां पुलिस हथियार का उल्लेख नहीं करती है या पीड़ित की मौत हो जाती है। मुझे नहीं पता कि मेरी किस विशिष्ट टिप्पणी ने एफआईआर को आकर्षित किया है।"
4. Delhi Police is suffering from “both sideism” or “balance-waad” syndromes. One side has openly insulted our Prophet while the other side has been named to assuage BJP supporters & make it look like there was hate speech on both sides
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 9, 2022
ओवैसी आगे लिखते हैं, "ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस में यति, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल आदि के खिलाफ मामलों को आगे बढ़ाने की हिम्मत नहीं है। यही कारण है कि चींटी की प्रतिक्रिया कमजोर है।" अपने एक अन्य ट्वीट में वो लिखते हैं, "वास्तव में यति ने मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार और इस्लाम का अपमान करके अपनी जमानत की शर्तों का बार-बार उल्लंघन किया है। दिल्ली पुलिस शायद हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों/लड़कियों को ठेस पहुंचाए बिना इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का तरीका सोचने की कोशिश कर रही थी।"
6. Yati, Genocidal Sansad gang, Nupur, Naveen, etc have become used to there being no consequences. Weak action has only been taken when there was outrage for weeks or international condemnation or when courts pulled up the police
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 9, 2022
वो आगे लिखते हैं, "दिल्ली पुलिस "दोनों पक्षवाद" या "संतुलन-वाद" सिंड्रोम से पीड़ित है। एक पक्ष ने खुले तौर पर हमारे पैगंबर का अपमान किया है जबकि दूसरे पक्ष का नाम भाजपा समर्थकों को समझाने और ऐसा दिखाने के लिए दिया गया है कि दोनों पक्षों में अभद्र भाषा थी। यह भी ध्यान दें कि अभद्र भाषा सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ताओं और प्रमुख "धर्म गुरुओं" द्वारा सत्तारूढ़ दल के करीबी संबंधों के साथ थी। इसे सोशल मीडिया पर बिना किसी सामाजिक या राजनीतिक स्थिति के यादृच्छिक पोस्ट के बराबर किया जा रहा है। मेरे मामले में प्राथमिकी यह भी नहीं कह रही है कि आपत्तिजनक क्या था।"
9. Modi’s hate speeches were similarly rewarded. In fact the people who attempted to shoot me, admitted that they did so, so that they could become prominent Hindutva politicians. This culture must end
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 9, 2022
असदुद्दीन ओवैसी ने यह भी लिखा, "यति, जनसंहार संसद गैंग, नूपुर, नवीन आदि कोई परिणाम न होने के अभ्यस्त हो गए हैं। कमजोर कार्रवाई तभी की गई जब हफ्तों तक आक्रोश या अंतरराष्ट्रीय निंदा हुई या जब अदालतों ने पुलिस की खिंचाई की। इसके विपरीत, मुस्लिम छात्रों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं को केवल मुस्लिम होने के अपराध के लिए जेल में डाल दिया गया है। हिंदुत्व संगठनों की एक संस्कृति है जहां अभद्र भाषा और उग्रवाद को प्रचार के साथ पुरस्कृत किया जाता है। उदाहरण के लिए, योगी की नफरत को लोकसभा सीटों और सीएमशिप के साथ पुरस्कृत किया गया।"
11. As for the FIR against me, we will consult our lawyers & address it as and when required. We will not be intimidated by these tactics. Criticising hate speech and giving hate speeches cannot be equated
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 9, 2022
उन्होंने लिखा, "मोदी के नफरत भरे भाषणों को इसी तरह पुरस्कृत किया गया। वास्तव में जिन लोगों ने मुझे गोली मारने की कोशिश की, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया, ताकि वे प्रमुख हिंदुत्व राजनेता बन सकें। यह संस्कृति खत्म होनी चाहिए। अगर मोदी ईमानदार होते तो वे नकली बैलेंस-वाद में शामिल हुए बिना अभद्र भाषा पर मुहर लगाते। जातिसंहार से नफरत करने वालों को पदोन्नति पाने के बजाय गैर-जमानती कठोर कानूनों के तहत जेल में डाल दिया जाए।"
ओवैसी ने कहा कि जहां तक मेरे खिलाफ एफआईआर की बात है, हम अपने वकीलों से सलाह लेंगे और जरूरत पड़ने पर इसका समाधान करेंगे। हम इन युक्तियों से भयभीत नहीं होंगे। अभद्र भाषा की आलोचना करने और अभद्र भाषा देने की तुलना नहीं की जा सकती। दिल्ली पुलिस ने भाजपा के पूर्व प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, विवादित संत यती नरसिंहानंद और अन्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट तथा साझा करने के लिए प्राथमिकियां दर्ज की हैं।