असदुद्दीन ओवैसी ने किया कॉमन सिविल कोड का विरोध, बोले- सरकार पहले बेरोजगारी दूर करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर दे ध्यान
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 1, 2022 05:05 PM2022-05-01T17:05:20+5:302022-05-01T17:26:54+5:30
एआईएमआईएम चीफ औवैसी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील द्वारा दिये गये इफ्तार पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि भाजपा नेता बेकार का तर्क देते हैं कि कॉमन सिविल कोड इस देश के लिए जरूरी है, जबकि सबसे पहले सरकार को लड़खड़ा रही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और बेरोजगारी को दूर करने के उपायों के बारे में सोचना चाहिए।
औरंगाबाद: भारतीय जनता पार्टी के मुख्य एजेंडा कॉमन सिविल कोड का विरोध करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि भाजपा नेता बेकार का तर्क देते हैं कि कॉमन सिविल कोड इस देश के लिए जरूरी है, जबकि सबसे पहले सरकार को लड़खड़ा रही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और बेरोजगारी को दूर करने के उपायों के बारे में सोचना चाहिए।
एआईएमआईएम चीफ औवैसी ने यह बात महाराष्ट्र के औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील द्वारा दिये गये इफ्तार पार्टी में शामिल होने के बाद कही।
इफ्तार पार्टी में मोजूद पत्रकारों से बात करते हुए हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा "देश के गृहमंत्री अमित शाह और उनकी पार्टी भाजपा के नेताओं का कहना है कि इस देश के लिए कॉमन सिविल कोड बहुत जरूरी है। लेकिन देश को इसकी कोई जरूरत नहीं है। अगर उन्हेों सुधार करना है तो मुसलमानों को छोड़ें, देश की अर्थव्यवस्था को देखें, जो रोज रसातल की ओर जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोयला संकट के कारण यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. देश में बेरोजगारी अपने चरण पर है और भूखमरी से लोग दम तोड़ रहे हैं। पता नहीं क्यों उन्हें ये सब बातें दिखाई नहीं देतीं, उन्हें पहले उन जगहों पर सुधार करना चाहिए, जिनसे आम लोगों के जीवन में संकट खड़ा हो गाय है।
ओवैसी ने कहा कि सरकार लोगों की हितों वाली योजनाओं पर काम करे। लोगों का विकास होगा तभी देश तरक्की के रास्ते पर चलेगा। ये कॉमन सिविल कोड से देश का भला होने वाला नहीं है।
इसके साथ ही औवैसी ने लॉ कमीशन का रेफरेंस देते हुए कहा कि लॉ कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश को कॉमन सिविल कोड की जरूरत नहीं है।
औरंगाबाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा आयोजित रैली पर टिप्पणी करते हुए ओवैसी ने कहा कि रैली के लिए उद्धव सरकार ने इजाजत दी है और अब राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो रैली आयोजन के दौरान कानून-व्यवस्था को बनाए रखें।
मालूम हो कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार, जिसमें राकांपा और कांग्रेस शिवसेना की अगुवाई में सत्ता में हैं। उनके लिए विपक्षी दल मनसे और भाजपा कथिततौर पर राजनीतिक परेशानियां पैदा कर रहे हैं।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 'हिंदुत्व' को आधार बताने वाली शिवसेना से मांग की है कि चूंकि वो गठबंधन सरकार का प्रमुख हिस्सा है, इसलिए सूबे की मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटावा देना चाहिए क्योंकि वो गैरकानूनी तरीके से उपयोग में लाये जा रहे हैं।
वहीं इस बवाल के साथ अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने मौजूदा शिवसेना के हिंदुत्व को ढकोसला बताते हुए मुंबई के बांद्रा स्थित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास 'मातोश्री' के सामने हनुमान चालीसा का पाठ का ऐलान करके शिवसेना के सामने एक और परेशानी खड़ी कर दी।
शिवसैनिकों ने इस मामले में राणा दंपत्ति का कड़ा विरोध किया और मुंबई पुलिस ने उनके द्वारा हनुमान चालीसा के पाठ की घोषणा को अवैध बताते हुए 'देशद्रोह' और 'दो धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। राणा दंपत्ति अभी मुंबई की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)