ओवैसी ने अतीक हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट से कराने की मांग की, बोले- "सुप्रीम कोर्ट ले स्वतः संज्ञान, अतीक ने गुहार लगाकर जताई थी हत्या की आशंका"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 16, 2023 04:12 PM2023-04-16T16:12:27+5:302023-04-16T16:18:31+5:30
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जांच कमेटी बनाने की अपील की है।
दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वो इस जघन्य वारदात का स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जांच कमेटी का गठन करे और सच्चाई की तह में जाने के लिए अपनी निगरानी में पूरी पड़ताल करवाये।
एआईएमआईएम के हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने रविवार को कहा कि अतीक और उसके भाई की दोहरे हत्याकांड की निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के बिना एक जांच दल का गठन हो, जो वारदात की छानबीन करे। ओवैसी ने पत्रकारों से बात करते हुए सवाल उठाया कि आखिर किसने हत्यारों को विदेशी हथियार दिए, किसने हत्यारों को प्रयागराज भेजा और वो कैसे अतीक के पास पहुंच गये। ये कुछ गंभीर प्रश्न है, जिसकी तथ्यपरख और समयबद्ध जांच होनी चाहिए। ओवैसी ने कहा, "जब तक ऐसा नहीं किया जाता, हत्याएं ऐसे ही जारी रहेंगी और ये पुलिस प्रशासन पूरी तरह से फेल रहेगा।"
इसके साथ ही एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने संविधान के अनुच्छेद 311 का हवाला देते हुए अतीक अहमद और उनके भाई की सुरक्षा में लगे सभी पुलिसकर्मियों की सेवा को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अतीक पहले ही अपने हत्या की आशंका जता चुके थे, इसके लिए अतीक बाबत सुप्रीम कोर्ट भी गये थे और कोर्ट के सामने कहा था कि उन्हें अपनी जान का खतरा है और सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अतीक जब तक न्यायिक हिरासत में थे, उनकी सुरक्षा राज्य की जिम्मेदारी थी।
ओवैसी ने अतीक की भाई समेत की गई इस हत्या को पूरी तरह से जघन्य करार देते हुए कहा कि सिर्फ किसी मुसलमान की हत्या का सवाल नहीं है, यह उन सभी के लिए भारी सवाल है, जो संविधान और कानून के शासन में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कहा कि यूपी में जब से भाजपा सत्ता में आई है, राज्य में कानून का राज खत्म हो गया है और वहां पर बंदूक कल्चर का राज है।
सांसद ओवैसी ने कहा कि यूपी की सत्ता चला रहे लोगों में कोई दया और मानवता नहीं बची है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने विधानसभा में कहा था 'मिट्टी में मिला दूंगा'। क्या किसी मुख्यमंत्री को ऐसी भाषा इस्तेमाल करना शोभा देता है।"
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अतीक हत्याकांड बताता है कि देश में किस तरह से बहुसंख्यक कट्टरवाद बढ़ गया है। उन्होंने कहा, "जिस तरह से उन्होंने हथियारों का इस्तेमाल किया, उसे देखिए। उन्होंने धार्मिक नारे लगाए। क्या वे आतंकवादी नहीं हैं?" उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनकी कार पर भी हमला करने वाले गोलियां चलाई थीं और धार्मिक नारे लगाए थे।