चीन ने किया शक्ति प्रदर्शन, भारत ने शुरू किया बड़े युद्ध की तैयारी के लिये 'हिम विजय' का अभ्यास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 2, 2019 09:37 AM2019-10-02T09:37:44+5:302019-10-02T09:37:44+5:30
'हिम विजय' अभ्यास उस वक्त पूरी तरह से अपने चरम पर होगा जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चैन्नई में अनौपचारिक बैठक के लिये भारत का दौरा कर रहे होंगे।
भारत ने चुपचाप अरुणाचल प्रदेश में बड़े युद्ध का अभ्यास शुरू कर दिया है। ये अभ्यास माउंटेन वारफेयर की दिशा में अपने नए इंटिग्रेटे़ड बैटल ग्रुप्स (IBG) को टेस्ट करने के लिये किया जा रहा है। इसी बीच चीन ने अपने 70वें सालाना परेड के दौरान सुपरसॉनिक ड्रोन, फाइटर, बमवर्षक और सबसे लंबी दूरी वाले बैलिस्टिक मिसाइल के जरिये अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया है।
सूत्रों के मुताबिक 'हिम विजय' अभियान में 17वें ब्रह्मास्त्र को फुर्तीला बनाने और तेजी से अटैक करने वाले उच्च कोटि के फोर्स में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इनको पहाड़ी क्षेत्रों की अलग अलग तरह की घाटियों में लड़ने में सक्षम बनाया जा रहा है।
17वें कॉर्प्स से लैस तीन आईजीबी में 5000 जवानों सहित कई टैंक, लाइट आर्टिलरी, एयर डिफेंस यूनिट, सिग्नल सहित अन्य उपकरण शामिल हैं। यह IAF सी-17 ग्लोबमास्टर-3, सी-130 जे सुपर हर्कुलस और एएन-32 एयरक्राफ्ट के साथ अभ्यास करेंगे। इसमें एक घाटी से दूसरे घाटी तक तेजी से जाने के लिये जवानों को एयर लिफ्ट करने वाले हेलीकॉप्टर भी शामिल होंगे।
'हिम विजय' अभ्यास उस वक्त पूरी तरह से अपने चरम पर होगा जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चैन्नई में अनौपचारिक बैठक के लिये भारत का दौरा कर रहे होंगे।
पाकिस्तान के मद्देनजर बनाये गये आईबीजी ने ऐसी ही प्रैक्टिस अप्रैल-मई में पश्चिम कमांड स्थित चंडीमंदिर में किया था। एक सूत्र के मुताबिक पूरे आईबीजी का कॉन्सेप्ट इस बात पर आधारित है कि ऐसा फुर्तीला फोर्स तैयार किया जाए जो तेजी से अपने टास्क पर काम करना शुरू करे और उसे पूरा करे। इसी में यह भी शामिल है कि फोर्स पहाड़ी इलाकों पर एक घाटी से दूसरी घाटी में तेजी से मूव कर सके और टास्क पर तेजी से काम शुरू कर सके।