शपथ ग्रहण समारोह के बाद अरविंद केजरीवाल ने बुलाई राष्ट्रीय परिषद की बैठक, दिल्ली से बाहर AAP के विस्तार पर होगा मंथन!

By हरीश गुप्ता | Published: February 16, 2020 08:15 AM2020-02-16T08:15:42+5:302020-02-16T08:16:23+5:30

आम आदमी पार्टी का पहला फोकस 2022 में होने वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव होगा, जिस पर 15 साल से भाजपा का शासन है. उसी वर्ष पंजाब विधानसभा चुनाव भी होना है. केजरीवाल का मानना है कि उनकी पार्टी अगस्त 2020 में बिहार और 2021 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु होने वाले विधासभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार नहीं है.

Arvind Kejriwal convened national council meeting today, to discuss AAP expansion outside Delhi | शपथ ग्रहण समारोह के बाद अरविंद केजरीवाल ने बुलाई राष्ट्रीय परिषद की बैठक, दिल्ली से बाहर AAP के विस्तार पर होगा मंथन!

केजरीवाल भी नरम हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और सुशासन और विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं.

Highlightsशपथ ग्रहण समारोह के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय परिषद की बैठक करेंगे. बैठक में राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आप की विस्तार योजनाओं पर चर्चा की जाएगी.

रामलीला मैदान में रविवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय परिषद की बैठक करेंगे. राज्य और जिला स्तर के समन्वयकों की मौजूदगी वाली परिषद की बैठक में राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आप की विस्तार योजनाओं पर चर्चा की जाएगी.

आप नेतृत्व को लगता है कि कांग्रेस उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से बिखर रही है और उसके वोटरों और कैडरों का पार्टी से मोहभंग हो रहा है. यह अवसर को भुनाने और उन्हें लुभाने का सही वक्त है. पंजाब, महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में पार्टी की उल्लेखनीय मौजूदगी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जनाधार घट गया है.

केजरीवाल भी नरम हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और सुशासन और विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं. हालांकि भाजपा विरोधी क्षेत्रीय पार्टियों के बीच एकता की कमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए वरदान है. ये क्षेत्रीय क्षत्रप एक या एकाधिक कारणों से कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार नहीं हैं.

वहीं, कांग्रेस भी किसी क्षेत्रीय नेता का नेतृत्व स्वीकार नहीं करना चाहती है. एक समय था जब भाजपा से लड़ने के लिए कांग्रेस नीतीश कुमार से हाथ मिलाने के लिए बात कर रही थी, लेकिन योजना सफल नहीं हुई. इस परिप्रेक्ष्य में केजरीवाल खुद को स्वीकार्य चेहरे के रूप में उभरने का अवसर देखते हैं जो विवादहीन, भ्रष्टाचार से मुक्त हैं. यही नहीं, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मोदी या राहुल गांधी पर हमला नहीं किया है.

वैसे, सीबीआई ने केजरीवाल के कार्यालय पर छापा मारा था, लेकिन वह उनके खिलाफ कोई मामला बनाने में विफल रही थी. केजरीवाल चतुर नेता हैं इसीलिए अगला कदम उठाने से पहले वह रविवार को राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का मूड भांपना चाहते हैं.

एमसीडी, पंजाब चुनाव पर फोकस, पुड्डुचेरी पर भी लगा सकते दांव :

आम आदमी पार्टी का पहला फोकस 2022 में होने वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव होगा, जिस पर 15 साल से भाजपा का शासन है. उसी वर्ष पंजाब विधानसभा चुनाव भी होना है. केजरीवाल का मानना है कि उनकी पार्टी अगस्त 2020 में बिहार और 2021 में पश्चिम बंगाल, असम, केरल और तमिलनाडु होने वाले विधासभा चुनाव में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, आप पुड्डुचेरी में दांव लगा सकती है जहां की मौजूदा उपराज्यपाल किरन बेदी को 2015 के चुनाव में केजरीवाल ने करारी शिकस्त दी थी.

Web Title: Arvind Kejriwal convened national council meeting today, to discuss AAP expansion outside Delhi

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