अरविंद केजरीवाल एक सफल राजनेता: ब्यूरोक्रेट से तीसरी बार दिल्ली के CM बनने तक, पढ़ें आम से खास बनने की कहानी
By पल्लवी कुमारी | Published: February 16, 2020 12:16 PM2020-02-16T12:16:04+5:302020-02-16T12:16:04+5:30
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। केजरीवाल तीसरी बार सीएम बने हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल लगातार दिल्ली में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। अरविंद केजरीवाल आज एक राजनेता के तौर पर जाने जाते हैं। आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग, फिर आईआरएस (IRS) की नौकरी छोड़कर समाज सुधार में आना, अन्ना हजारे जैसे समाजसेवियों के साथ आंदोलन करना और फिर राजनीति में एंट्री और लगातार तीन बार सीएम...ये है पूरा केजरीवाल का सफर। एक ब्यूरोक्रेट से सफल राजनेता बनने तक केजरीवाल का सफर काफी रोचक रहा।
हरियाणा के हिसार में 16 अगस्त 1968 में अरविंद केजरीवाल का जन्म हुआ। अरविंद केजरीवाल का जन्म एक साधारण से परिवार में हुआ। केजरीवाल ने 1989 में आईआईटी खड़गपुर में इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद केजरीवाल ने टाटा स्टील में असिस्टेंट मैनेजर की नौकरी की लेकिन तीन साल तक नौकरी करने के बाद साल 1992 में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में नियुक्त होकर दिल्ली में बतौर आयकर आयुक्त कार्यालय में काम करना शुरू किया। साल 1995 में उन्होंने आईआरएस ज्वाइन कर लिया। इस दौरान भी वह समाज सेवा से जुड़े काम करते रहते थे।
अरविंद केजरीवाल ने जब छोड़ी ज्वाइंट इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी
केजरीवाल ने पीडीएस (राशन वितरण प्रणाली) में बड़े स्तर पर मौजूद भ्रष्टाचार का खुलासा किया। केजरीवाल की छवि एक एंटी करप्शन एक्टिविस्ट की बनी थी। केजरीवाल ने मदर टेरेसा के मिशनरीज ऑफ चैरिटी के साथ कोलकाता में भी काम किया है। केजरीवाल ने 1999 में परिवर्तन नाम की संस्था बनाई थी। इसी दौरान केजरीवाल की मुलाकात मनीष सिसोदिया से हुई थी।
अरविंद केजरीवाल को भारत में सूचना अधिकार और भ्रष्टाचार के विरुद्ध नागरिकों को सशक्त बनाने की पहल करने के लिए साल 2006 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। साल 2006 में ही अरविंद केजरीवाल ने 2006 में ज्वाइंट इनकम टैक्स कमिश्नर की नौकरी छोड़ दी थी।
2010 में अन्ना के आंदोलन के साथ जुड़े केजरीवाल
सामाजिक कार्य करते वक्त ही जनलोकपाल बिल के जरिए केजरीवाल की मुलाकात समाजसेवी अन्ना हजारे से हुई। साल 2010 में अन्ना हजारे के साथ केजरीवाल ने आंदोलन करना शुरू किया। इस दौरान मनमोहन सिंह के सरकार का दूसरा कार्यकाल चल रहा था और आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप बड़े-बड़े नेताओं पर लग रह थे। इस दौरान अन्ना हजारे के नेतृत्व में केजरीवाल ने जनलोकपाल आंदोलन की नींव डाली थी। दिल्ली के रामलील मैदान में चल रहे इस आंदोलन को पूरे देश का समर्थन मिला। इस आंदोलन के साथ शांति भूषण, प्रशांत भूषण, संतोष हेगड़े, किरण बेदी जैसे दिग्गज लोग जुड़े। केजरीवाल और अन्ना ने कई दिनों तक अनशन भी किया।
'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' वाले इस आंदोलन को ऐसा समर्थन मिला कि सरकार लोकपाल कानून लाने को लेकर मजबूर हुई। आंदोलन से फिर धीरे-धीरे केजरीवाल राजनीति की ओर शिफ्ट हो गए। अन्ना हजारे ने केजरीवाल के राजनीति दिलचस्पी को भाप लिया था। जिसके बाद उन्होंने केजरीवाल से किनारा कर लिया था।
2012 में केजरीवाल ने किया आम आदमी पार्टी का गठन
2 अक्टूबर 2012 को राजनीति में केजरीवाल ने एंट्री की और आदमी पार्टी का गठन किया। केजरीवाल को पार्टी बनाने के बाद कवि कुमार विश्वास, आशुतोष, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह जैसे नेताओं का साथ मिला। कुछ इनमें से अलग भी हो गए लेकिन कुछ का साथ बना रहा।
केजरीवाल ने पहली बार 2013 में चुनाव लड़ा और 49 दिन के सीएम बने
2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 28 सीटें मिली और वह सबसे बड़ी पार्टी उभरी। केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित को बड़े अंतर से हराया। कांग्रेस के समर्थन से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम बने और 49 दिनों की सरकार चलाने के बाद इस्तीफा दिया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव-2015 में केजरीवाल की आप पार्टी को 70 विधानसभा सीट में से 67 सीटें मिली और बीजेपी तीन सीटों पर सिमटी। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इसके साथ ही केजरीवाल 14 फरवरी 2015 को दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने।
अरविंज केजरीवाल का परिवार
हरियाणा के हिसार जिले के सिवानी गांव के केजरीवाल रहने वाले हैं। केजरीवाल तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। केजरीवाल के पिता का नाम गोविंद और माता का नाम गीता है। केजरीवाल की पत्नी का नाम सुनीता है। केजरीवाल कई बार अपनी लव स्टोरी को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। सुनीता भी आईआरएस अधिकारी रह चुकी हैं।
पति के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने स्वैच्छित सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस ले लिया था। केजरीवाल के साथ वह अक्सर खास मौकों पर देखी जाती हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 प्रचंड जीत के बाद जब केजरीवाल पहली बार जनता को संबोधित करने आए थे तो उनकी पत्नी और बच्चे भी उनके साथ थे। उनके बच्चों का नाम हर्षिता और पुलकित है।