माल्या, मोदी, चौकसी को देश से भाग जाने दिया, सरकार ने काटी है जनता की जेब: अरुंधति रॉय

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 30, 2018 04:49 PM2018-08-30T16:49:29+5:302018-08-30T18:12:02+5:30

महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को गौतम नवलखा और सुधा भारद्वाज समेत पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।

arundhati roy prashant bhushan aruna roy press conference in delhi on gautam navlakha, sudha bhardwaj and varvara rao arrest | माल्या, मोदी, चौकसी को देश से भाग जाने दिया, सरकार ने काटी है जनता की जेब: अरुंधति रॉय

महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को देश के अलग-अलग शहरों से 5 सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।

नई दिल्ली, 30 अगस्त:  लेखिका अरुंधति रॉय ने पाँच एक्टविस्टों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि पहले आदिवासियों को नक्सल कहा जा रहा था, अब दलितों को नक्सल कहा जा रहा है। रॉय ने कहा कि यह भारतीय संविधान का तख्तापलट है और ये आपातकाल से ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

लेखिका अरुंधति रॉय ने पाँच एक्टविस्टों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसों को देश से भाग जाने देकर जनता की जेब काटी है। रॉय ने कहा कि सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए एक्टविस्टों की गिरफ्तारी कर रही है।।

अरुंधति रॉय ने कहा, "जिस रफ्तार से शैक्षणिक संस्थानों को बर्बाद किया जा रहा है...तेजी से निजीकरण किया जा रहा है। ये कुछ और नहीं शिक्षा का ब्राह्मणीकरण है।"

गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने पाँच एक्टविस्टों की गिरफ्तारी के खिलाफ पाँच सितम्बर को देश भर में दलित-आदिवासियों का विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

मेवानी नई दिल्ली के प्रेस क्लब में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। प्रेस वार्ता में मेवानी के अलावा अरुणा रॉय, बुकर विजेता लेखिका अरुंधति रॉय, सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण इत्यादि शामिल हैं।

वरिष्ठ समाजसेवी अरुणा रॉय ने पांच एक्टिविस्टों की गिरफ्तार पर सवाल खड़ा करते हुएस असंवैधानिक बताया।

अरुणा रॉय ने कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खतरा है। ये उन लोगों के लिए संकेत है जो असहमति जताते हैं।"

अरुणा रॉय ने कहा कि सरकार द्वारा साल 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले समाज में सवाल पूछने के लेकर डर पैदा करने के लिए किया जा रहा है।

असहमति का अधिकार

सामाजिक कार्यकर्ता संजय पारेख ने प्रेंस वार्ता में कहा कि देश में इमरजेंसी जैसे हालत हैं और असहमति का अधिकार लोकतंत्र का बुनियादी अधिकार है।

महाराष्ट्र पुलिस द्वारा मंगलवार (28 अगस्त) को देश के अलग-अलग शहरों से पाँच सामाजिक कार्यकर्ताओंं को गिरफ्तार किया।

महाराष्ट्र पुलिस ने गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवर राव, वरनन गोन्साल्विस और अरुण फरेरा को किया गिरफ्तार किया।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (29 अगस्त) को सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर 5 सितम्बर तक के लिए रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट ने छह सितम्बर को मामले की अगली सुनवाई तक सभी पाँच एक्टविस्टों को नजरबंद रखने का आदेश दिया।

महाराष्ट्र पुलिस ने छह शहरों में कम से कम 10 एक्टविस्टों के घर पर छापा मारा और पेनड्राइव, लैपटॉप और फ़ोन जैसी चीजें जब्त कीं।

महाराष्ट्र पुलिस का आरोप है कि इन सभी एक्टविस्टों का एक जनवरी 2018 को भीमा कोरेगाँँव की बरसी पर पुणे में हुई हिंसा में हाथ था।

English summary :
Arundhati Roy, opposing the arrest of five activists, said in New Delhi that earlier Tribals were being called Naxal, now the Dalits are being called Naxalites. Indian author and novelist Arundhati Roy said that it can be more dangerous than emergency.


Web Title: arundhati roy prashant bhushan aruna roy press conference in delhi on gautam navlakha, sudha bhardwaj and varvara rao arrest

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