अरुणाचल सरकार आगामी विधानसभा सत्र में विवाह, संपत्ति का उत्तराधिकार संबंधी ‘‘विधेयक’’ पेश नहीं करेगी
By भाषा | Published: August 20, 2021 09:44 PM2021-08-20T21:44:30+5:302021-08-20T21:44:30+5:30
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि राज्य के जनजातीय लोगों के विवाह और संपत्ति के उत्तराधिकार से जुड़ा "तथाकथित विधेयक" वास्तव में एक सलाहकार निकाय द्वारा "अपनी इच्छा से" तैयार किया गया प्रस्तावित मसौदा है जिसमें राज्य सरकार से परामर्श नहीं लिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि इसे आगामी विधानसभा सत्र में पेश नहीं किया जाएगा। राज्य के गृह मंत्री बामांग फेलिक्स ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस स्तर पर इसे विधेयक बताना उचित नहीं होगा क्योंकि पेश किया गया मसौदा बहुत ही “शुरुआती चरण” में है। अरुणाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री पेमा खांडू से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया था कि वे अरुणाचल प्रदेश विवाह और संपत्ति का उत्तराधिकार विधेयक, 2021 को विधानसभा में पेश करने पर विचार करें। विधानसभा का आगामी सत्र 27 अगस्त से शुरू होने वाला है। फेलिक्स राज्य सरकार के प्रवक्ता भी हैं। उन्होंने कहा, "इस चरण में यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि आयोग ने इसे 'अरुणाचल प्रदेश विवाह और संपत्ति उत्तराधिकार विधेयक, 2021' बताया है, लेकिन यह एक मसौदा प्रस्ताव है। यह उस समय तक विधेयक नहीं है, जब तक कि प्रस्ताव को विधेयक में बदलने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है।’’ प्रस्ताव को संबंधित मंत्री द्वारा मंजूरी दी जानी है और उसके बाद कानून विभाग इसके हर खंड पर विस्तृत विचार करेगा।उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के आगामी विधानसभा सत्र में पेश किए जाने का सवाल ही नहीं है।
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