Arun Jaitley Death: इमरजेंसी के दौरान 19 महीने जेल में रहे जेटली, 1977 में वाजपेयी लड़ाना चाहते थे लोकसभा चुनाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 24, 2019 02:32 PM2019-08-24T14:32:06+5:302019-08-24T14:32:06+5:30
अरुण जेटली ने आपातकाल पर ‘इमरजेंसी रिविजिटेड’ शीर्षक से एक ब्लॉग लिखा था, जिसमें उन्होंने इंदिरा की तुलना हिटलर से करते हुए कहा कि दोनों ने ही संविधान की धज्जियां उड़ाईं।
26 जून 1975 की बात है। अरुण जेटली कानूनी अधिकारों को हटाये जाने को लेकर विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में थे। विरोध करने वाले कई छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। उसमें अरुण जेटली भी शामिल थे। उस दौर को याद करते हुए जेटली ने हाल ही में एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी। इस पोस्ट का शीर्षक था ‘इमरजेंसी रिविजिटेड’। इसमें उन्होंने इंदिरा की तुलना हिटलर से करते हुए कहा कि दोनों ने ही संविधान की धज्जियां उड़ाईं।
19 महीने जेल में रहे
आपातकाल के दौरान अरुण जेटली 19 महीने जेल में रहे। अपनी गिरफ्तारी के किस्से को सुनाते हुए जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, 'आपातकाल के खिलाफ उस दिन होने वाला देश में एकमात्र विरोध प्रदर्शन था जहां पुलिस के आने से पहले करीब 200 लोग एकत्रित हुए थे। मैंने भी अपनी गिरफ्तारी दी। लेकिन यह गिरफ्तारी कितने दिन चलेगी किसी को नहीं पता था।' जेटली को पहले अम्बाला जेल भेजा गया। फिर उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।
वाजपेयी लड़वाना चाहते थे लोकसभा चुनाव
जेल में रहने के दौरान जेटली उस समय जनसंघ के कई बड़े नेताओं के संपर्क में आ गए थे। जेटली ने अपने साक्षात्कारों में कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि वे 1977 का लोक सभा चुनाव लड़ें। कारवां की रिपोर्ट के अनुसार जेटली उस वक्त चुनाव लड़ने की 25 साल की न्यूनतम आयु से एक साल कम थे।
इंदिरा की तुलना हिटलर से
जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में इंदिरा की तुलना हिटलर से करते हुए लिखा है कि दोनों ने ही संविधान की धज्जियां उड़ाईं। उन्होंने आम लोगों के लिए बने संविधान को तानाशाही के संविधान में तब्दील कर दिया। हिटलर ने संसद के ज्यादातर विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करवा लिया था और अपनी अल्पमत की सरकार को उसने संसद में दो तिहाई बहुमत के रूप में साबित कर दिया। इंदिरा ने भी संसद के ज्यादातर विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करवा लिया था और उनकी अनुपस्थिति में दो तिहाई बहुमत साबित कर संविधान में कई सारे संशोधन करवा लिए।
तानाशाही फैसलों पर उठाए सवाल
जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि इंदिरा ने तो कुछ ऐसी भी चीजें कर डालीं जो हिटलर ने भी नहीं किया था। इंदिरा ने संसदीय कार्यवाही की मीडिया में प्रकाशन पर भी रोक लगा दी। इंदिरा ने संविधान और लोकप्रतिनिधित्व ऐक्ट तक में बदलाव कर डाला। संशोधन के जरिए प्रधानमंत्री के चुनाव को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती थी। लोक प्रतिनिधित्व कानून को रेट्रस्पेक्टिव तरीके से संशोधित कर दिया गया ताकि इंदिरा के गैरकानूनी चुनाव को इस कानून के तहत सही ठहराया जा सके। हिटलर से कई कदम आगे जाकर इंदिरा ने भारत को 'वंशवादी लोकतंत्र' में बदल दिया।
जेल से मोटे होकर लौटे थे जेटली
अरुण जेटली ने जेल के दिनों को स्कूल या कॉलेज के लंबे खिंचे कैंप सरीखा बताया था। एक पत्रिका में उन्होंने लिखा था कि हम जेल से मोटे-ताजे होकर बाहर निकले थे। उन्होंने लिखा, 'हम नौजवानों के लिए जिनके ऊपर परिवार को संभालने की जिम्मेदारी नहीं थी, जेल असल में किसी कालेज या स्कूल का लंबा खिंचा कैंप बन गया था।'