मंत्री पद की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं अरुण जेटली, पीएम मोदी को भेजा संदेश!
By हरीश गुप्ता | Updated: May 23, 2019 11:02 IST2019-05-23T11:02:11+5:302019-05-23T11:02:11+5:30
सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जेटली ने प्रधानमंत्री को 23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद सरकार छोड़ने की इच्छा जताई है.

अरुण जेटली (फाइल फोटो)
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले तीन हफ्तों से सार्वजनिक चकाचौंध से दूरी बना ली है. वह न तो कार्यालय और न ही किसी सार्वजनिक समारोह में जा रहे हैं. वह सेमिनार को संबोधित करने के आमंत्रण को भी अस्वीकार कर रहे हैं. यहां तक कि पिछले कुछ समय से पार्टी के प्रवक्ताओं की ब्रीफिंग भी बंद कर दी है. अगर सूत्रों की मानें तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश दिया है कि वह अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहते हैं. उनके पारिवारिक सदस्य भी इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें और बल्कि ठीक होने के लिए समय दें.
समझा जाता है कि सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जेटली ने प्रधानमंत्री को 23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद सरकार छोड़ने की इच्छा जताई है. जेटली ने राज्यसभा के नेता की जिम्मेदारी से भी छुटकारा पाने की इच्छा जताई है. वह पूरी तरह से स्वस्थ होने तक कोई भी सरकारी पद नहीं संभालेंगे. हालांकि प्रधानमंत्री ने जेटली के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए दृढ़ता से कहा कि चाहे जिस भी क्षमता से उन्हें सरकार में रहना होगा. वित्त मंत्री जेटली प्रधानमंत्री के सबसे भरोसेमंद और सरकार के मुख्य संकटमोचक रहे हैं.
समझा जाता है कि प्रधानमंत्री ने जेटली को यह भी बताया कि सरकार में पहले से ही प्रतिभा की कमी है इसलिए उन्हें सरकार में बना रहना चाहिए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की सेहत भी चिंता का कारण है. सुषमा स्वराज स्वास्थ्य कारणों से ही लोकसभा चुनाव नहीं लड़ीं.
डिनर पार्टी में भी नहीं हुए शामिल
वित्त मंत्री ने आईआईसी में एक किताब समारोह में शामिल होने और एक बार पार्टी कार्यालय जाने के अलावा खुद को 2ए कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास तक सीमित कर लिया है. उन्होंने पार्टी कार्यालय जाना पूरी तरह से बंद कर दिया है और मंगलवार को डिनर मीट में भी शामिल नहीं हुए. वह आवश्यक फाइलों के निपटारे के लिए ही कुछ अधिकारियों से ही मिल रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से भी तभी मिल रहे हैं जब आवश्यक हो.