अनुच्छेद 370: पटरी पर लौट रही जिन्दगी को तूफान से पहले की शांति डरा रही

By सुरेश डुग्गर | Published: August 22, 2019 06:10 PM2019-08-22T18:10:56+5:302019-08-22T18:10:56+5:30

जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर लोग आशंकित हैं कि जब सरकार पूरी तरह से निषेधाज्ञा हटा लेगी तो उसके बाद क्या परिणाम सामने आएंगे।

Article 370: Jammu Kashmir People Apprehensive for Afterwards consequences | अनुच्छेद 370: पटरी पर लौट रही जिन्दगी को तूफान से पहले की शांति डरा रही

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsजम्मू-कश्मीर में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं लेकिन लोगों के बाद के परिणामों की चिंता सता रही है। घाटी के पचास पुलिस थाना क्षेत्रों से पूरी तरह से निषेधाज्ञा को हटा लिया गया है।

कश्मीर में सरकारी दावों के अनुसार, जिन्दगी पटरी पर धीरे धीरे लौट रही है पर सच्चाई यह है कि लोगों को तूफान से पहले की शांति डरा रही है। सभी के डर की वजह यह है कि पूरी कश्मीर वादी के खुलते ही क्या होगा? चिंता अलगाववादियों और पत्थरबाजों के आंदोलन की नहीं, बल्कि उन राजनीतिक कार्यकर्ताओं की है जिनके नेता जेलों में बंद किए जा चुके हैं।

यह सरकारी तौर पर माना गया है कि इस दौरान शांति बहाल होने से हताश शरारती तत्वों ने कई जगह स्कूल बसों को निशाना बनाने के अलावा कई दुकानदारों के साथ भी तथाकथित तौर पर मारपीट की।

सरकार कहती है कि प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शिक्षकों व बच्चों की हाजरी में सुधार हो रहा है। पर अधिकारियों ने इसे माना है कि कई अभिभावक हालात खराब होने के डर से बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं परंतु पिछले चार दिनों के दौरान स्कूलों में हाजरी बढ़ी ही है।

प्राथमिक स्कूलों के बाद अब 774 मिडिल स्कूलों में भी कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। सरकार कहती है कि सामान्य हो रहे हालात को देखते हुए प्रशासन ने अब कश्मीर के अधिकांश क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा दिया है। हालांकि वीरवार को भी शहर में दुकानें बंद हैं और मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू नहीं की गई है परंतु सड़कों पर लोगों की आवाजाही और यातायात बढ़ने लगा है।

प्रशासन ने हालात में सुधार के आधार पर वादी में 50 पुलिस थाना क्षेत्रों से दिन की निषेधाज्ञा को पूरी तरह हटा लिया है। इसका असर सामान्य जिंदगी पर नजर आया। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में बीते दिनों की अपेक्षा अधिक रही। हालांकि, अधिकांश बाजार बंद रहे, लेकिन कई जगह कुछ दुकानें भी खुली नजर आईं। स्थिति में दिन-प्रतिदिन हो रहे सुधार के मद्देनजर शहर और घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में लोगों और यातायात की आवाजाही धीरे-धीरे बढ़ रही है।

यात्री वाहन अभी चलना शुरू नहीं हुए हैं परंतु कई इलाकों में अंतर-जिला टैक्सी और ऑटो-रिक्शा भी चलते हुए देखे गए। जहां तक सरकारी कर्मचारियों की बात है तो वे भी कार्यालयों में पहुंच रहे हैं। शहर के साथ-साथ अन्य जिलों के अधिकांश क्षेत्रों से बैरिकेड हटा दिए गए हैं। हालांकि, कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए वहां सुरक्षा बलों की तैनाती अभी भी है परंतु वे किसी भी वाहन या फिर नागरिक को पूछताछ के लिए रोक नहीं रहे हैं। अलबत्ता वे स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए हैं।

स्थानीय प्रशासन ने कहा कि मुख्य शहर में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान अभी भी बंद हैं। परंतु किसी भी अलगाववादी संगठन या अन्य व्यापारिक संगठन ने कोई हड़ताल नहीं की है। मोबाइल सेवाएं और इंटरनेट अभी भी बंद हैं। अधिकांश स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। जहां तक श्रीनगर मुख्य बाजार लाल चौक या प्रेस एन्क्लेव की बात है तो वहां अभी भी लैंडलाइन सर्विस बंद है।
 

Web Title: Article 370: Jammu Kashmir People Apprehensive for Afterwards consequences

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