अनुच्छेद 370: सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में ‘कठोर उपायों’ के खिलाफ याचिका पर आज करेगा सुनवाई

By भाषा | Published: August 13, 2019 07:54 AM2019-08-13T07:54:33+5:302019-08-13T07:54:33+5:30

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला की याचिका सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है। इसके अलावा, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की याचिका की भी शीघ्र सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने के बारे में मंगलवार को उल्लेख किये जाने की संभावना है।

Article 370: Court to hearing on plea against 'Regressive measures' in Jammu and Kashmir on august 13 | अनुच्छेद 370: सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में ‘कठोर उपायों’ के खिलाफ याचिका पर आज करेगा सुनवाई

अनुच्छेद 370: सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में ‘कठोर उपायों’ के खिलाफ याचिका पर आज करेगा सुनवाई

Highlightsअनुराधा भसीन चाहती हैं कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद राज्य में पत्रकारों के कामकाज पर लगाये गये प्रतिबंध हटाये जायें। दैनिक आधार पर सेना की संख्या में वृद्धि करके इसे एक छावनी में तब्दील कर दिया गया है

जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद राज्य में कुछ प्रतिबंध लगाने और अन्य कड़े उपाय करने के केन्द्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय आज (13 अगस्त) को सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला की याचिका सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है। इसके अलावा, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की याचिका की भी शीघ्र सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने के बारे में मंगलवार को उल्लेख किये जाने की संभावना है।

अनुराधा भसीन चाहती हैं कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद राज्य में पत्रकारों के कामकाज पर लगाये गये प्रतिबंध हटाये जायें। पूनावाला ने अपनी याचिका में कहा है कि वह अनुच्छेद 370 के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं लेकिन वह चाहते हैं कि वहां से कर्फ्यू एवं पाबंदियां तथा फोन लाइन, इंटरनेट और समाचार चैनल अवरूद्ध करने सहित दूसरे कथित कठोर उपाय वापस लिये जायें।

इसके अलावा, कांग्रेस कार्यकर्ता ने पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को रिहा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है जो इस समय हिरासत में हैं। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू और कश्मीर की वस्तुस्थिति का पता लगाने के लिये एक न्यायिक आयोग गठित करने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने याचिका में दावा किया है कि केन्द्र के फैसलों से संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है।

याचिका के अनुसार समूचे राज्य की एक तरह से घेराबंद कर दी गयी है और दैनिक आधार पर सेना की संख्या में वृद्धि करके इसे एक छावनी में तब्दील कर दिया गया है जबकि संविधान संशोधन के खिलाफ वहां किसी प्रकार के संगठित या हिंसक विरोध के बारे में कोई खबर नहीं है।

पूनावाला चाहते हैं कि शीर्ष अदालत केन्द्र और जम्मू कश्मीर से पूछे कि किस अधिभाषा अनूप अनूप माधव माधव

Web Title: Article 370: Court to hearing on plea against 'Regressive measures' in Jammu and Kashmir on august 13

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