यात्रा पर्ची की जगह आरएफआईडी कार्ड की व्यवस्था से बड़ी मुश्किलें, भीषण गर्मी और भीड़ के कारण पस्त हुए लोग और स्टाफ
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 16, 2023 04:13 PM2023-05-16T16:13:05+5:302023-05-16T16:25:18+5:30
वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने के लिए यात्रा पर्ची की जगह आरएफआईडी कार्ड की व्यवस्था के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
श्रीनगर: कई सालों से वैष्णो देवी के दर्शनार्थ यात्रा दर्शन पर्ची का स्थान जिस आरएफआईडी कार्ड ने पिछले साल अगस्त महीने में ले लिया था वह सिस्टम भीड़ के आगे हांफने लगा है।
हाल यह है कि दो से चार घंटों तक भीषण गर्मी में लाइनों में खड़े होकर आरएफआईडी कार्ड पाना आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जी का जंजाल बन गया है।
पिछले कई दिनों से जैसे-जैसे आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। आरएफआईडी कार्ड पाने में आने वाली मुश्किलों के कारण श्रद्धालुओं में गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है।
गुजरात के अहमदाबाद से आने वाले मन्नु भाई कहते थे कि वे कई सालों से वैष्णो देवी के दर्शनार्थ आ रहे हैं और यह पहली बार है कि उन्हें इतनी परेशानी का सामना यात्रा शुरू करने से पहले ही करना पड़ रहा है।
मन्नुभाई के साथ उनके परिवार के 15 सदस्य हैं और नए नियमों के मुताबिक, आरएफआईडी कार्ड पाने की खातिर सभी को लाइन में लगना है ताकि कैमरों से उनकी फोटो खींच की आरएफआईडी कार्ड पर चिपकाई जा सके।
मन्नुभाई कहते थे कि पहले परिवार का एक आदमी लाइन में लग कर सभी के लिए पर्ची ले आता था पर अब छोटे बच्चों को भी भीषण गर्मी में तपना पड़ रहा है।
पहले कोई भी किसी के लिए यात्रा पर्ची ले सकता था पर अब ऐसा कर पाना नामुमकिन हो गया है। सभी को लाइन में लगना ही होगा। पर्ची लेने के लिए भी और दर्शन करने के लिए गुफा के बाहर भी।
दरअसल, पिछले साल एक जनवरी को वैष्णो देवी के तीर्थस्थान पर भवन के पास भगदड़ में दर्जन से अधिक श्रद्धालुओं की मौत के बाद गठित की गई समिति और आईआईएम अहमदाबाद की सहायता से जो संस्तुतियों की रिपोर्ट तैयार की गई उसमें लागू किए जाने वाली संस्तुतियों में सबसे बड़ी संस्तुति आरएफआईडी पंजीकरण था।
हालांकि, यह बात अलग है कि भगदड़ होने के कारणों को अभी तक उजागर नहीं किया गया है और न ही उसके लिए जिम्मेदार लोगों को कोई सजा दी गई है और अब हालत यह है कि जैस जैसे भीड़ बढ़ती है आरएफआईडी कार्ड तैयार करने वाले कम्प्यूटर और स्टाफ हांफने लगते हैं।
चार चार घंटों तक लाइन में लगने के कारण कई श्रद्धालुओं का मूड यात्रा के शुरू होने से पहले ही आफ हो जाता है। श्राइन बोर्ड के मुताबिक, अभी 25 हजार से अधिक श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शनार्थ आ रहे हैं और अगले कुछ दिनों में गर्मियों की छुट्टियों में यह संख्या बढ़कर हमेशा डबल हो जाती है तो तब क्या होगा, श्राइन बोर्ड के अधिकारी इस सवाल पर चुप्पी साध लेते थे।